बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी अनुमंडल का मधवापुर ब्लॉक सरकारी कर्मियों के कमी से प्रभावित हो रहा है। इंडो-नेपाल बॉर्डर पर अवस्थित मधवापुर ब्लॉक में लोगों के जनहित कार्य से लेकर सरकारी फरमान को पूरा करने के लिए कर्मी की काफी कमी देखी जा रही है। जिसके कारण मधवापुर का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। तेरह पंचायत वाला मधवापुर प्रखंड वर्षों से अधिकारियों व कर्मियों की कमी से जूझ रहा है। यहां अधिकांश पर्यवेक्षीय अधिकारियों, जनसेवक, पंचायत सचिव, लिपिक, ग्राम सेविका, कार्यालय परिचारी, चालक आदि का पद वर्षों से रिक्त है। बीडीओ के अलावे पर्यवेक्षीय अधिकारियों के नौ पद सृजित हैं। जिसमें, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, शिक्षा पदाधिकारी एवं सहकारिता पदाधिकारी तो कार्यरत हैं। लेकिन,प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, कल्याण पदाधिकारी, सांख्यिकी पदाधिकारी, एक सहायक अभियंता एवं एक कनीय अभियंता का पद वर्षों से रिक्त है। वहीं हैरत है कि मधवापुर में प्रधान लिपिक, सहित पांच लिपिक, एक उर्दू अनुवादक, एक सहायक उर्दू अनुवादक व एक उर्दू टंकक एवं पांच कार्यालय परिचारी का पद सृजित है। लेकिन, बदले में सिर्फ एक लिपिक, एक उर्दू अनुवादक एवं तीन कार्यालय परिचारी ही कार्यरत हैं। वहीं,ग्राम सेविका के दो पद सृजित हैं, लेकिन दोनों रिक्त है। क्योंकि, दोनों की जिला से प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है। एक जिले के मुख्यालय स्थित डीआरडीए में तो दूसरी जयनगर प्रखंड में प्रतिनियोजित हैं। एक चालक का पद सृजित है। जो,संविदा पर कार्यरत हैं। जिसके कारण जनता की भलाई के लिए संचालित विकास व महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारना पदस्थापित अधिकारियों एवं कर्मियों के लिए चुनौती बनी हुयी है। ऐसी स्थिति में विकास योजनाएं किस तरह से धरातल पर उतर सकेगी, ये कहना तो दूर सोचना भी मुश्किल लग रहा है। इस संबंध में मधवापुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी वैभव कुमार ने बताया कि जब तक इस पद के लिए कर्मी नहीं आते है, तब तक किसी तरह से विकास कार्य को पूरा कराया जा रहा है।


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