मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना (एमडीएचवाई) के अंतर्गत बिहार राज्य स्वास्थ्य प्रणाली डिजिटलीकरण (भव्या) को लेकर आशा कार्यकर्ताओं (आशा फैसिलिटेटर सहित) के लिए विकसित किए गए एम आशा एप्प से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 01 जुलाई से 6 जुलाई 2024 तक जिले की सभी 175 आशा फैसिलेटरों को एम आशा एप का उपयोग कैसे करना चाहिए। इसके संबंध में प्रशिक्षक रजनीश मेहता और जयप्रकाश नायक द्वारा प्रशिक्षित किया गया।
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ट्रेनिंग मैनेजर दुर्गा सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली जन्म- मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एर्ईएस, बुखार, डायरिया सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियां के अलावा अन्य गतिविधियों को इस डिजिटल एप से जोड़ा जा रहा है। ताकि ग्रामीण इलाकों में किसी भी तरह के कार्यों को समय सीमा के अंदर पूरा करने में आशा कार्यकर्ताओ को किसी प्रकार से कोई दिक्कत नही हो। क्योंकि सभी आशा कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है कि एम आशा एप के माध्यम से आशा पोर्टल पर अपलोड करेगी। इसके बाद आशा कार्यकर्ता खुद स्मार्ट बन जाएगी और किसी भी पंजी को संधारण करने के लिए लिखने-पढ़ने का झंझट नहीं रहेगा स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन को घर-घर तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ताओ क स्मार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
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इसके तहत 1 जुलाई से लेकर 6 जुलाई तक जिले के विभिन्न अस्पतालों में प्रशिक्षकों द्वारा आशा फैसिलेटटर को एम आशा एप के उपयोग करने के तौर तरीके से संबंधित जानकारी दी गई है। जिले की आशा कार्यकर्ता अब फोन के मध्यम से एम- आशा एप द्वारा ग्रामीणों को होने वाली बीमारियों सहित अन्य प्रकार की असुविधाओ को सीधे पोर्टल पर अपलोड कर देगी। क्योंकि भव्या एप के माध्यम से मरीजों को उपलब्ध तमाम तरह की सेवाएं पेपर लेस करने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण के साथ-साथ मरीजों को उपलब्ध सेवाओं की निगरानी व निरीक्षण की प्रक्रिया आसान होगी।
इस मौके पर पर्यवेक्षक रॉडिक SHS टीम की रिंकू कुमारी, ट्रेनिंग हेड स्टेट हेल्थ सोसाइटी पटना की रुचि झा, बीसीएम सत्येंद्र कुमार, रेखा झा , ललित कुमार,अभिषेक कुमार सहित सभी प्रखंडों से आये आशा फैसिलिटेटर की मौजूदगी रही।
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