भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता द्वारा नई दिल्ली द्वारा प्रति वर्ष चार भारतीय भाषाओं में दिए जाने वाले कतृत्व समग्र सम्मान एवं युवा पुरस्कारों की घोषणा आज कर दिया गया। जिसमें इस बार युवा पुरस्कार के कैटगरी मे एक पुरस्कार मैथिली भाषा के खाता में भी आया है और यह प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार मैथिली के युवा साहित्यकार गुंजन श्री को दिए जाने की घोषणा की गई है। इसकी जानकारी भारतीय भाषा परिषद ने ऑफिशियल मेल के माध्यम से लेखकों को दिया है। घोषणा अनुसार यह पुरस्कार आगामी 20 अप्रैल को प्रदान किए जाएंगे।


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गुंजन श्री मूल रूप से मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड अंतर्गत रामनगर गांव निवासी मैथिली लेखक कमल मोहन चुन्नू केँ पुत्र हैं और अभी मैथिली मीडिया हाउस में बतौर एक्सक्यूटिव ऑफिसर कार्यरत हैं। गुंजन मैथिली भाषा के समकालीन साहित्य मे लिख रहे युवाओं में अग्रणी पंक्ति के लेखक हैं। इनकी अब तक तीन किताबें 'प्रेमक टाइमलाइन', 'तरहत्थी पर समय' और 'भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन मे मिथिलाक दलित समाजक योगदान' प्रकाशित है, तो वहीं इनकी चौथी पुस्तक 'मर्सी', जो कि यात्रा संस्मरण है, प्रकाशाधीन है। इसके अतिरिक्त गुंजन वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के क्यूरेटर रह चुके हैं और ये एनुअल क्यूरेटर्स मीट में यूरोप के 14 देशों में जा कर भारत देश सहित मिथिला समाज का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं तथा हाल ही में नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रपति संग युवा लेखक संवाद कार्यक्रम में देश के विभिन्न भाषाओं के कुछ चुनिंदा लेखकों मे मैथिली भाषा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।


साहित्य के जानकार एवं सजग पाठकों की मानें तो गुंजन का साहित्य समकालीनता का प्रतिनिधित्व करता है और इस युवा लेखक से मैथिली सहित अन्य-अन्य भारतीय भाषाओं को भी अत्यधिक अपेक्षाएं हैं। पुरस्कार घोषणा के बाद खुशी व्यक्त करते हुए गुंजन श्री ने बताया कि मैथिली से इतर भाषा-भाषी वाले लोग मैथिली लेखक को सम्मान दे रहे हैं, यह अत्यन्त आह्लादकारी है। इसलिए नहीं कि सम्मान मुझे मिला है, बल्कि इसलिए कि हमारी भाषा और मैथिली साहित्य को प्रमुखता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वस्तुत: यह व्यक्ति का नहीं लेखन का सम्मान है, क्योंकि यह मुझे सिर्फ और सिर्फ काम के कारण मिला है। मैं आश्वस्त करता हूं कि आगे और अधिक ऊर्जा के साथ इसे जारी रखूंगा।

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जानकारी के लिए बता दें कि गुंजन श्री वर्तमान में मिथिला चैप्टर न्यूज चैनल के चैनल हेड हैं। गुंजन को यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद से साहित्य जगत में हर्ष व्याप्त है, उन्हें लगातार बधाईयां मिल रही हैं। गुंजन को बधाइ देने वालों में डॉ. सी. एम. झा, अजित आजाद, मैथिल प्रशांत, प्रीति झा, कमलेश प्रेमेंद्र, शिव कुमार झा टिल्लू, श्री धरम, शारदा झा, मनोज शाण्डिल्य, निक्की प्रियदर्शिनी, प्रभंजन कुमार राहुल, आनंद मोहन झा सहित अन्य शामिल हैं।


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