गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में प्रसार भारती आकाशवाणी दिल्ली ने रांची झारखंड में होने वाले विश्व के सबसे बड़े सर्व भाषा कवि सम्मेलन 2024 में  डॉ. पुतुल प्रियंवदा का चयन मैथिली कविता का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया। इस दो दिवसीय कवि सम्मेलन में भाग लेने हेतु  भारतीय संविधान की 22 भाषाओं के लिए चुने गए एक-एक कवि को आमंत्रित किया गया था। सभी कवि  आयोजन में भारतीय भाषाओं और उनके हिंदी और अंग्रेजी में संस्करण प्रस्तुत किए गए। उक्त आयोजन में मैथिली भाषा का प्रतिनिधित्व करते हुए साहित्यकार डॉ० पुतुल ने  राष्ट्रीय भावना को प्रेरित करते हुए कविता -  

रीन माटियो केर किछु त' सधा देल जाए

हाथ दोसरो लेल कखनहुँ बढा देल जाए 

सस्वर पाठ किया।

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मगध महिला कॉलेज ,पटना विश्वविद्यालय में मैथिली के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कार्यरत डॉ. पुतुल प्रियंवदा मूल रूप से मधुबनी जिला अंतर्गत अंधराठाढ़ी के रुद्रपुर गांव से आती हैं। डॉ. पुतुल कई साहित्यिक कार्यक्रमों में भाग लेती रहती हैं। कविताओं के साथ निबंध, कथा और समीक्षाएं भी लिखतीं  हैं। कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानित मंचो पर दे चुकी हैं अपनी प्रस्तुति । कार्यक्रम में उपस्थित मैथिली भाषा भाषी साहित्यकार केदार कानन, सुस्मिता पाठक प्रमोद झा सहित वरिष्ठ सम्मानित साहित्यकारों ने इस उपलब्धि के लिए बधाई दी ।

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'एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को सार्थक करता' उक्त सर्वभाषा कवि सम्मेलन 2024 की रिकॉर्डिंग विगत 5 जनवरी 2024 को रांची में किया गया, जिसका प्रसारण 25 जनवरी 2024 , रात 10 बजे सभी आकाशवाणी केन्द्रों से किया जाएगा।


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