बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय परिसर में शुक्रवार को भाकपा(माले) के नेताओं ने तीन सूत्री मांग को लेकर धरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि, मधवापुर अंचल के बिहारी गुलरिया टोल में जमीनी विवाद चल रहा है। 

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भूमि पर यथा स्थिति कायम था। जहां 29 अक्टूबर के रात्रि करीब नौ बजे दबंग 50 लोग और मधवापुर थाना के दर्जनों पुलिस उक्त स्थल पर पहुँच कर विवादित जमीन पर बने और गिरे झोपड़ियां को उजाड़ कर ले गए। विरोध करने पर महिलाओं को पीटा गया। एक झोपड़ी में आग लगा दिया गया। उक्त आपराधिक कार्य में पुलिस और सामंती के सहयोग से किया गया।

इसमें मधवापुर थानाध्यक्ष की संलिप्तता स्पष्ठ हुआ है। इसलिए, पुलिस और सामंती पर मुकदमा दर्ज किये जाने की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि, बेनीपट्टी अंचलाधिकारी बसेरा अभियान-2 को लागू करने में आनाकानी कर रही है। अपने कर्तव्यों के निर्वाहन करने में लापरवाही बरत रही है। 

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अकौर के 331 महादलित भूमिहीन परिवारों की सूची पर अक्सर उच्चाधिकारी और आमजन को बरगला रही है। इनके वादाखिलाफी पर माले द्वारा 17 अगस्त को अंचल में आमरण अनशन भी किया गया। जहां 19 अगस्त को महा जनपंचायत में सैकड़ों लोगों के समक्ष 31 अगस्त तक पर्चा देने की घोषणा की। 30 सितंबर तक का समय लेकर 27 परिवारों से आवेदन और शपथपत्र भी ले लिया। अचानक 20 अक्टूबर को अकौर जाकर सैकड़ो जनता को बुलाकर गैर मजरुआ खास में बन रहे कॉलेज भवन निर्माण को रोककर जनता को बोली की, यह सरकारी जमीन है। इस पर कब्जा कर लो। 

माले नेताओं के बारे में अनाप शनाप राजनीतिक बयानबाजी कर गैर मजरुआ खास जमीन पर कब्जा कर लेने की घोषणा पर गाँव मे मारपीट व खुन खराबे की हालत पैदा कर दी। इससे पूर्व माले नेताओं ने जमकर नारेबाजी की। 

मौके पर ध्रुव नारायण कर्ण, श्याम पंडित, मदन चंद्र झा, लखिन्द्र सदाय, कामेश्वर राम आदि थे।


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