बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी परजुआर के बलहा अवैध मिट्टी खनन स्थल का राज खुल गया है। मिट्टी खनन स्थल पर स्वामित्व का दावा करने वाले ग्रामीण हरिदेव झा का दावा गलत साबित हुआ है, बेनीपट्टी एसडीएम के आदेश पर अंचलाधिकारी की जांच रिपोर्ट में साफ हो गया है कि उक्त जमीन बिहार सरकार के सिंचाई विभाग का है।
इससे सम्बंधित पूरी रिपोर्ट BNN News के पास है, जिसमें बेनीपट्टी सीओ ने राजस्व कर्मचारी के रिपोर्ट के हवाले से स्पष्ट बताया है कि बलहा के खाता संख्या - 1727 व खेसरा संख्या - 3120 जिसका किस्म मकानमय सहन (मकान बना हुआ) है, वह रैयत सिंचाई विभाग बिहार सरकार है।
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आरएस खतियान में दर्ज सिंचाई विभाग के रैयत होने के बाद ये स्पष्ट हो गया कि, जो आरोप अबतक जिला परिषद सदस्य अलका झा व उनके समर्थक लगा रहे थे, वो सत्य है।
आपको बता दें कि परजुआर पंचायत में जब अवैध मिट्टी खनन का मामला सामने आया था, उस समय अचानक ग्रामीण हरिदेव झा, पंचायत की मुखिया पम्मी कुमारी व मिट्टी खनन के आरोपी पप्पू झा मीडिया के सामने आए थे और उन्होंने पुरजोर ढंग से उस जमीन को अपना बताया था।
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उक्त समय स्टाम्प पेपर भी दिखाया गया, जिसके आधार पर पंचायत से योजना कराये जाने की बात सामने कही गई थी।
अब हकीकत सामने आने के बाद सवाल है कि...
* क्या इस मामले में गलत स्टाम्प पेपर दिया गया ?
* ग्रामीण हरिदेव झा अब तक झूठ क्यों बोल रहे थे ?
* क्या हरिदेव झा पर भी जांच होगी ?
* आखिर, हरिदेव झा किसके इशारे पर झूठ बोल रहे थे ?
इसके साथ ही कई सवाल अभी भी बनें हुए हैं, जिसका जवाब आना शेष है। फिलहाल जमीन के असली स्वामित्व को लेकर जो विवाद चल रहा था उसकी हकीकत सामने आ गई है, ऐसे में अवैध मिट्टी खनन का आरोप झेल रहे आरोपियों की मुसीबत आने वाले दिनों में बढ़ती हुई नजर आ सकती है।
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