सोमवार को जिला मुख्यालय के सामने लोहट मिल बचाओ संघर्ष मोर्चा के एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष भारत भूषण व संतोष झा एवं संचालन विजय श्री टुन्ना ने किया। धरना में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि लोहट मिल को बचाने के लिये स्थानीय किसान मजदूर छात्र नोजवानों ने जाती धर्म व पार्टी से ऊपर उठकर इस आंदोलन में जबरदस्त भागीदारी दी है।

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मधुबनी और दरभंगा की भूमि गन्ना उत्पाद के लिये काफी श्रेयस्कर है जिस कारण यहाँ के किसान व्यापक स्तर पर गन्ने की खेती करते थे। जिसकी समुचित पेराई के लिये यहाँ तीन चीनी मिल स्थापित किया गया था भरपूर मात्रा में चीनी का उत्पादन होता था। किसान और मजदूर खुशहाल रहते थे कम लागत और मेहनत में भी गन्ने की खेती गेहूँ और धान के वनस्पति पाँच गुना लाभकारी था समय बीतता गया एवं देखते ही देखते सारे मिल बंद कर दिये गये।

वहीं अन्य वक्ताओं ने कहा कि दस साल पहले रैयाम में नया उद्योग लगाने का भ्रम जाल फैला कर सारे वेशयक़ीमती स्क्रैप काट कर ले गया,जिससे आज रैयाम की स्मृति विलुप्त हो गई। वहीं सकरी का आधा स्क्रैप ले जाया गया परन्तु स्थानीय छात्र नोजवानों के भारी मशक्कत करके उसे बचाया गया। मोर्चा के अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि गत 14 सितंबर को लोहट चीनी मिल की स्क्रैप काटने के लिये सैकड़ो बाहरी मजदूर जब मिल परिसर में काटने की तैयारी करने लगा तब स्थानीय नागरिकों ने प्रतिरोध किया और संबंधित पदाधिकारीयों को ज्ञापन दिया कि पहले उद्योग लगाओ तब स्क्रैप ले जाओ, मजदूरों और कर्मचारियों का वेतन जल्द भुगतान करो।धरना के बाद मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को 6 सूत्री मांगों का एक पत्र सौंपा गया।

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ये थी मुख्य मांगे...

- लोहट मिल के मजदूरों का बकाया भुगतान शीघ्र किया जाए

- गन्ना उत्पादन के लिए मधुबनी की मिट्टी सबसे ज्यादा उपयुक्त और श्रेष्ठकर है तथा यहां व्यापक स्तर पर गन्ने की खेती की जाती थी जिसके पेराई के लिए यहां तीन चीनी मिल लोहट, रैयाम और सकरी चीनी मिल स्थापित किया गया था परंतु वर्षों पहले उसे बंद कर दिया गया. इसलिए किसानों के हित में लोहट मिल बचाओ संघर्ष मोर्चा की मांग है कि लोहट चीनी मिल का आधुनिकरण कर उसे चालू किया जाए

- लोहट मिल की बेशकीमती स्कैप को औने पौने दामों में बेचने का सौदा रद्द किया जाए

- स्कैप जाने की प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व लोहट में नया उद्योग लगाने की शुरुआत की जाए,विदित हो कि कुछ साल पहले रैयाम में फैक्ट्री लगाने के नाम पर सारा स्कैप और ईट तक उखाड़ कर ले जाया गया परंतु वर्षों बीत जाने के बाद भी वहां उद्योग नहीं लगा इसलिए हम लोगों की मांग है कि पहले उद्योग लगाओ उसके बाद स्कैप ले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाए

- पंडोल सूत मिल सहित जिले में बंद पड़े सभी कल कारखाना चालू किया जाए,जिला मुख्यालय स्थित खादी ग्राम उद्योग परिसर का उद्धार किया जाए।

धरना प्रदर्शन में लोहट मिल बचाओ अभियान के अध्यक्ष भारत भूषण यादव, महासचिव राघवेंद्र रमन, उपाध्यक्ष टकौ यादव व मनोज चौधरी हिंद मजदूर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अघनु यादव, एमएसयू के संस्थापक अध्यक्ष अनूप मैथिल, आदित्य मोहन, रणधीर झा, प्रिय रंजन पांडे, अविनाश भारद्वाज, विजय श्री टुन्ना (मंच संचालक) संतोष झा समाजसेवी, संरक्षक प्रफुल चंद्र झा, मयंक विश्वास, किसान नेता कपिलदेव झा मुरारी, डॉ . सरफराज आलम, मंजीत मंडल, सचिव केशव कुमार, प्रियरंजन पांडेय, अविनाश कुमार, मयंक विश्वास विक्की दुबे, दुर्गा देवी सहित हजारों की संख्या में लोग सम्मिलित हुए ।


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