मधुबनी। बाल गृह में विगत कई वर्षों से आवासित बालक इम्तियाज ने कभी सोंचा भी नहीं होगा एक बार परिवार से बिछड़ जाने के बाद छह वर्ष बाद अपने माता पिता से मिल पायेगा। बाल कल्याण समिति के अथक प्रयास और सरकारी कायदे कानूनों ने छह वर्ष बाद भटके बालक को उसके पैरेंट्स से मिलाया। मधुबनी प्रशासन ने कई राज्यों की सीमा पार रहने के बावजूद बालक के परिवार को खोज निकाला । 


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दरअसल छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला निवासी इम्तियाज 2017 में भटककर उज्जैन पहुंचा और  पूरा पता नही बता पाने की वजह से उसे उज्जैन बाल गृह में रखा गया। बालक ने काउंसेलिंग में अपने गांव के पास का इलाका जयनगर बताया। लेकिन कर्मियों ने उसे मधुबनी का जयनगर समझ बालक को मधुबनी  बाल गृह भेज दिया ।  मधुबनी चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने 6 साल पहले बिछुड़े हुए लड़के को उनके परिजनों से मिलवाया। 


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मधुबनी बाल कल्याण समिति  के अध्यक्ष बिंदु भूषण ठाकुर ने बताया कि, मोहम्मद शरीफ अंसारी के पुत्र मो इम्तियाज अंसारी जो मूल रूप से छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला के विश्रामपुर गठिया पारा गांव निवासी है। बालक गांव के मदरसा में पढ़ाई करता था जहां से भटककर मधुबनी पहुंच गया। बालक के पिता शरीफ अंसारी ने वताया एक दिन बालक इम्तियाज घर से मदरसा  के लिए निकला और वापस घर नहीं लौट पाया। उस समय 12 वर्षीय बालक पढ़ाई के डर से या शिक्षक के डर से भाग गया तथा वह ट्रेन से उज्जैन पहुंच गया। उस समय इम्तियाज अपना पूरा पता नहीं बता पाया। अध्यक्ष बिन्दु भूषण ठाकुर ने कहा उज्जैन पुलिस ने बालक से पूछताछ शुरू किया तो इम्तियाज ने कहा उसका घर जयनगर है। तत्काल उसे उज्जैन बाल गृह में रखा गया फिर  इम्तियाज को मधुबनी जिला का जयनगर समझ उसे जयनगर भेज दिया गया। इम्तियाज बाल कल्याण समिति के देख रेख में बालगृह उज्जैन दरभंगा और मधुबनी में 6 साल से रह रहा था। 

इम्तियाज का उम्र करीब 18 वर्ष हो गया तो समिति ने उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा कराने का निर्णय लिया और उसे बेंगलुरु भेजने की तैयारी की जा रही थी। पढ़ाई के लिए आधार कार्ड सहित अन्य कागजातों की आवश्यकता होती है। जब आधार कार्ड बनाया जा रहा तो पता चला उसका कार्ड पहले बन चुका है जिसे ट्रेस किया गया। जिसके आधार पर इसके घर का पता मिल गया। बाल कल्याण समिति के माध्यम से इम्तियाज के माता-पिता को सूचना दिया गया। इम्तियाज के पिता ने गायब होने की सूचना स्थानीय थाने में 2017 में दर्ज कराया था। बालक का ननिहाल बिहार के औरंगाबाद जिला में है। माता- पिता और मामा छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ अपने बच्चे को बाल कल्याण समिति मधुबनी लेने के लिए पहुंचे। माता-पिता जब बच्चे से मिले तो सभी खुशी से भावुक हो गए। छह वर्षों बाद अपने खोये लाडले को पाकर सभी खुश थे। समिति ने कागजी प्रक्रिया पूरी कर बालक को उसके माता-पिता के हवाले कर दिया।

बालक को जहां पढ़ाई के लिए बैंगलौर जाना था किस्मत ने उसे छह वर्षों बाद छत्तीसगढ़ राज्य स्थित घर परिवार के पास पहुंचा दिया। वहीं बालक और उसके परिजनो और लोगों के द्वारा मधुबनी बाल कल्याण समिति के कार्यों की सराहना की जा रही है। बालक का आवासीय पता खोजने में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष बिन्दु भूषण ठाकुर ,सदस्य मंटू कुमार,आलिया ख़ुर्शीद ,रामभूषण पांडेय,पीओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा सहित कर्मियों का प्रयास सराहनीय रहा।


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