बेनीपट्टी(मधुबनी)। प्रशासनिक अधिकारी के आवास पर जलजमाव हो तो हाय तौबा मच जाती है, लेकिन, बीती रात हुई भारी बारिश में बेनीपट्टी के करीब एक दर्जन से अधिक स्कूलों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न है। कई स्कूलों की स्थिति बंदी के कगार पर है। स्कूल के शिक्षक भगवान भरोसे छात्रों को शिक्षा देने में जुटे है। लेकिन, इन सबसे बड़ी बात ये है कि आखिर, छोटे छोटे बच्चों को इस तरह की कुव्यवस्था कब तक झेलनी होगी। सवाल ये भी उठ रहा है कि, क्या ये लोग विकसित स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के अधिकार नहीं रखते है? ऐसी स्थिति में स्कूल न खुले तो एचएम व शिक्षक दोषी, खुल जाए तो एचएम सलामती की दुआ मांगते है। आखिर, कब स्कूलों के प्रति अधिकारी व जनप्रतिनिधि जागरूक होंगे।
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गौरतलब है कि बेनीपट्टी के कटैया मध्य विद्यालय, अतरौली के मध्य विद्यालय, चानपुरपट्टी के प्राथमिक स्कूल, फुलबरिया स्कूल समेत कई स्कूल जलजमाव की चपेट में है। एचएम व शिक्षक सिस्टम की लाचारी गा रहे है।
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शिक्षाविदों की माने तो जब तक शिक्षण संस्थान व शिक्षा के प्रति जनप्रतिनिधि जागरूक नहीं होंगे, तब तक इस स्थिति को बदला नहीं जा सकता है। जब भी चुनाव आता है, तब मुफ्त के घोषणाओं की झड़ी लग जाती है, और लोग भी यही चाहते है कि उन्हें मुफ्त की चीजें सरकार मुहैया कराए, लेकिन, क्या शिक्षा के लिए कभी आवाज उठी?
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