प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल आठ साल का हो चुका है। इन आठ सालों में कई अहम कार्य हुए हैं, जो भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है। स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विभय कुमार झा का कहना है कि नए-नए लक्ष्य निर्धारित करना और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना ही पीएम नरेंद्र मोदी  के मजबूत नेतृत्व की पहचान है। तभी तो पिछले 8 वर्षों से भारत लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण, मोदी सरकार की आत्मा है। मोदी जी ने भारतीय राजनीति की संस्कृति बदली है। सरकार की कार्य शैली भी आज बदली है।

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समाजसेवी डॉ विभय कुमार झा ने कहा कि वोकल फ़ॉर लोकल जैसे सूत्रों के साथ मोदी सरकार ने आत्मनिर्भता का मूल मंत्र आम भारतीय की चेतना में फूंका है, तो ऐसा पहली बार ही किया गया है। जन-कल्याण की बहुत सी योजनाओं का ख़ाका मोदी सरकार ने खींचा और उन पर ईमानदारी से अमल के प्रयास भी किए। आज़ादी के सात दशक बाद आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए जनधन खाते बैंकों में पहली बार खोले गए। आयुष्मान योजना से ग़रीबों का पांच लाख रुपये तक मुफ़्त इलाज़ निजी क्षेत्र के अस्पतालों में संभव हुआ, तो उज्ज्वला योजना के तहत मुफ़्त एलपीजी कनेक्शन से करोड़ों विपन्न परिवारों को रसोई में धुएं और घुटन से मुक्ति मिली। सबके घर बिजली की सौभाग्य योजना हो, या सबको पक्के प्रधानमंत्री आवास, आम देशवासी से गौरव और आत्म सम्मान का ध्यान मोदी सरकार ने रखने की कोशिश की। अटल पैंशन योजना समेत और भी बहुत सी योजनाओं के नाम गिनाए जा सकते हैं, जिनके ज़रिए मोदी सरकार ने कमज़ोर तबक़े को शक्तिशाली बनाने का काम किया है। इन योजनाओं की समीक्षा समय-समय पर किए जाने की ज़रूरत है, ताकि मोदी विरोधियों के सामने वस्तुस्थिति चरणबद्ध रूप से रखी जा सके।

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स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विभय कुमार झा ने यह भी कहा कि पहले योजनाएं केवल कागज पर ही बनती थी और कागज पर ही पूरी हो जाती थी। लेकिन आज किसी भी योजना की घोषणा से लेकर उसके लागू होने तक उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। डॉ अंबेडकर के जीवन से जुड़े स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित करने का काम भी मोदी सरकार ने किया है। संविधान दिवस, सामाजिक समरसता दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस, जनजातीय गौरव दिवस, योग दिवस भी हमारी सरकार ने तय किए।देश की तीनों सेनाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए भी मोदी सरकार को लंबे समय तक याद किया जाएगा। तीनों सेनाओं में तालमेल के लिए मोदी सरकार ने चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जैसे पद का सृजन किया। सेनाओं के आयुध और दूसरी सामरिक आवश्यकताओं के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस क़दम उठाने का निर्णय भी मोदी सरकार ने किया, जिसके दूरगामी परिणाम निकलेंगे।


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