भारतीय जनता पार्टी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रदेश प्रवक्ता  नेहा झा ने कहा है कि असंगठित श्रमिकों के कल्याण के लिए समर्पित है मोदी सरकार। एक लंबे समय से यह चर्चा का विषय रहा था कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों का एक डाटा होना चाहिए। मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में जो नए लेबर कोड आये हैं, उसमें असंगठित क्षेत्रों के डाटा का प्रावधान कानून के अंतर्गत किया गया है। राष्ट्रीय डेटाबेस ई - श्रम से जुड़कर 27 करोड़ असंगठित श्रमिकों को मिली एक है नई पहचान।

ई-श्रम कार्ड को यूनिक आधार नंबर के साथ जोड़ा जा रहा है। जिसका सबसे बड़ा लाभ है कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की पेंशन, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य से जुडी आर्थिक सुविधा सीधे डीबीटी के माध्यम से इनके खातों में दी जा रही है।

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ई-श्रम पोर्टल पर सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन कृषि क्षेत्र के असंगठित श्रमिकों का हुआ है।

ई-श्रम पोर्टल पर 54% महिलाओं का और 46% पुरुषों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।मोदी सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। ई-श्रम पोर्टल पर 27.23 करोड़ से अधिक श्रमिक पंजीकरण करा चुके हैं। सभी पंजीकृत श्रमिकों को आसानी से मिल रहा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ।

देश में 29 श्रम कानूनों को सरल कर 4 लेबर कोड लाए गए, 38 करोड़ असंगठित कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा कोष की व्यवस्था की गई है।

श्रीमती नेहा ने कहा है कि मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं श्री भूपेन्द्र यादव जी के नेतृत्व में सरकार भारत के असंगठित श्रमिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रवासी श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा की  सुनिश्चित की गई है।

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'एक देश, एक राशन कार्ड' के तहत देशभर की 5 लाख राशन दुकानों में किसी से भी राशन लेने की सुविधा दी गई है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत असंगठित कामगारों को मिली कौशल की ताकत, पूर्व - कौशल को भी मान्यता दी गई है।

जिनकी मेहनत देश का आधार है, उनकी पेंशन का सपना साकार हुए है, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के का तहत्। 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों को 3,000 रुपये/ माह की पेंशन निश्चित किया गया है। इस योजना में शामिल राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश है।

अभी तक कॉमन सर्विस सेंटर 3,52,598, कुल नामांकित लाभार्थी 46,60,197 हो चुके हैं। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से सुरक्षित हो रहा है असंगठित क्षेत्र के कामगारों का भविष्य। योजना के अंतर्गत अब तक देश में 46.60 लाख से अधिक लाभार्थी नामांकन करा चुके हैं। 

वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से रेहड़ी - पटरी वालों को आसान लघु - ऋण की सुविधा, अब तक 30 लाख रेहड़ी - पटरी वालों को ₹ 3.2 हजार करोड़ का ऋण मिला है।

 देश के करोड़ों श्रमिकों और कामगारों का सामर्थ्य आज नए भारत का आधारस्तंभ बन रहा है। उनकी सामाजिक सुरक्षा में ही देश का मज़बूत भविष्य छिपा है।


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