मधुबनी। स्वास्थ्य सुविधाओं को जमीनी स्तर पर और ज्यादा प्रभावशाली बनाने को लेकर शुक्रवार से जिले के 445 वीएचएसएनडी साइट पर ई - टेलीमेडिसिन सेवा. का ड्राई रन किया गया ।  जिसके लिए जिले के सभी 21 प्रखंड में 56 हब व 482 स्पोक बनाया गया था। योजना के तहत मरीजों को एएनएम द्वारा हब के चिकित्सकों से वीडियो कॉल के माध्यम से इलाज व परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई गई। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया ई-संजीवनी कार्यक्रम के तहत मिलने वाली निःशुल्क टेलीमेडिसीन के जरिये अब घर बैठे मरीजों का न केवल इलाज होगा, बल्कि उन्हें घर पर दवा भी उपलब्ध करा दी जाएगी। जिले में इसे लेकर शुक्रवार को ड्राई रन का आयोजन किया गया।  ऑनलाइन तरीके से मरीज, डॉक्टर से रूबरू हो अपना इलाज करवा सकते हैं। मरीज की जांच रिपोर्ट व उसके द्वारा बताई गई परेशानी व लक्षण के आधार पर डॉक्टर मरीज को दवा लिखेंगे। 


आंगनबाड़ी केन्द्रों के वीएचएसएनडी सत्रों पर मिलेगी सुविधा : 


डॉ. झा ने बताया, यह सेवा जिले के चयनित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपलव्ध रहेगी। इसके लिए पहले से ही दिये जाने वाले वीएचएसएनडी सत्रों व सेवाओं के साथ इन अतिरिक्त चिकित्सीय सुविधाओं को जोड़ा गया है। वीएचएसएनडी सत्र स्थलों पर टेलीकंस्लटेशन के दौरान गर्भवती महिलायें, अतिकुपोषित बच्चों से जुड़े उच्च जोखिम वाले मामले आदि में रेफरल सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। इसके साथ ही रोगी को रेफर किये गये स्वास्थ्य संस्थान से रोगी के स्वास्थ्य की अद्यतन जानकारी को प्राप्त किया जाना है। टेलीमेडिसीन की स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए मरीजों को अपने नजदीकी चयनित स्वास्थ्य संस्थान पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके बाद वहां तैनात एएनएम द्वारा ऑनलाइन विभाग द्वारा जारी पोर्टल के माध्यम के टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य सेवा की सुविधा दिलाई जाएगी। जिसके बाद चिकित्सा परामर्श के अनुसार एएनएम मरीजों को दवाई समेत अन्य चिकित्सा सेवा सुनिश्चित कराएंगी।



लाभार्थी ने स्वास्थ्य विभाग का जताया आभार


रहिका प्रखंड के मकसूदा गांव के आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 147 पर प्रमिला देवी जो कफ व कमजोरी से ग्रसित का इलाज कर दवा उपलब्ध कराया गया प्रमिला देवी ने बताया सरकार की यह अच्छी पहल है जो अब आंगनवाड़ी केंद्र पर ही डॉक्टर से दिखा सकते हैं एवं केंद्र पर ही सभी दवा उपलब्ध मिल रही है।


जिले में बनाए गए हैं 56 हब व 482 स्पोक:


ड्राई रन के दौरान जिले में 56 हब व 482 स्पोक बनाए गए । जिसके दौरान अंधराठाढ़ी में 4 हब 21 स्पोक, बाबूबरही में 2 हब 21 स्कोप, बासोपट्टी में 2 हब 12 स्पोक, बेनीपट्टी में 1 हब 48 स्पोक, बिस्फी में 2 हब 34 स्पोक, घोघरडीहा में 2 हब 19 स्पोक, हरलाखी में 2 हब 16 स्पोक, जयनगर में 2 हब 20 स्पोक, झंझारपुर में 2 हब 29 स्पोक, कलुआही में 2 हब 19 स्पोक, खजौली में 0 हब 16 स्पोक, खुटौना में 4 हब 18 स्पोक, लदनिया में 4 हब 19 स्पोक, लखनौर में 0 हब  18 स्पोक, लौकही में 5 हब 24 स्पोक, मधेपुर में 3 हब 27 स्पोक, मधवापुर में 3 हब 24 स्पोक, पंडौल में 8 हब 24 स्पोक, फुलपरास में 0 हब 21 स्पोक, रहिका में 5 हब 27 स्पोक, राजनगर 3 हब 25 स्पोक बनाया गया था।


दूर दराज इलाकों के मरीजों को होती है सहूलियत :


जिला प्रतिक्षण पदाधिकारी डॉ एस.के. विश्वकर्मा ने बताया  ई-टेलीमेडिसीन के माध्यम से मरीजों को काफी सहूलियत से इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इस सुविधा के माध्यम से जिले के दूर-दराज, कमजोर एवं वंचित तबकों तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। सुदूर आवासित लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने-जाने के काफी दूरी का सफर तय करना पड़ता था, जो अब उन्हें नहीं करना पड़ेगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि मरीज का ऑनलाइन परीक्षण करने के बाद चिकित्सकों द्वारा पीएचसी पर उपलब्ध दवाएं ही लिखी जाएंगी। साथ ही, जटिल बीमारियों के लिए दवाएं कुरियर के माध्यम से भी पहुंचाई जाएंगी। ताकि, मरीज का सफल इलाज किया जा सके।


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