बेनीपट्टी(मधुबनी)। विकास...विकास और खूब विकास। जी हां, बिहार में सुशासन की सरकार में विकास भले ही खूब हुआ हो, लेकिन, आज भी सुदूर ग्रामीण इलाका विकास से कोसों दूर खड़ा कड़ाह रहा है। लोग  टूटी सड़क, क्षतिग्रस्त पूल व गांव की बदहाली को नियति समझ उम्र गुजार रहे है। बेनीपट्टी प्रखंड के करहारा पंचायत भी कुछ ऐसा ही पंचायत व गांव है। जहां विकास खोजे से भी नहीं दिखाई दे रही है। यूं तो पूरा पंचायत अधवारा समूह की धौंस नदी से घिरा हुआ है, लेकिन, इस गांव की बदहाली के लिए सिर्फ बाढ़ ही नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों से लेकर वो अधिकारी भी है, जिनके जिम्मे विकास योजनाओं को धरातल पर उतारना होता है।

विकास को इसी से समझा जा सकता है कि पंचायत के अधिकांश सरकारी योजना लूटखसोट व बिचौलियों के भेंट चढ़ गए है। सात निश्चय योजना को लेकर सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों ने खूब ढिंढोरा पीटा, लेकिन, इस पंचायत में उक्त योजना भी दम तोड़ती नजर आ रही है। जल नल योजना की बात हो, अथवा गली नाली योजना। हर योजना में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। सौहरौल में नरेश यादव के घर के सामने निर्मित नाला अनियमितता की गवाही दे रहा है। जिस पर हजारों रुपये खर्च किये गए है। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त नाला का निर्माण छह माह पूर्व कराया गया, अनियमितता इस कदर की गई कि, नाला के दोनों भाग एक दूसरे से यूं मिल गए कि, मानो, उन्हें जबरन जुदा किया गया हो, भला हो उस संवेदक व अधिकारियों का, जिनके गड़बड़ी के कारण एक नाले के दो दीवाल मिल गए हो। नाला के ऊपर ढक्कन नहीं दिए जाने के कारण उक्त नाला कम और कचड़ा पेटी अधिक दिख रहा है। लोगों ने बताया कि पूरे पंचायत में कही भी नल का जल आपूर्ति नहीं हो रही है। जहां-तहां नल जल के पाइप कट कर बर्बाद हो गए। कुछ जगहों पर बचे है तो, वो भी महज शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है।

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