बेनीपट्टी(मधुबनी)। प्रखंड के शाहपुर पंचायत के वार्ड 5 में आज भी सैंकड़ो महादलित परिवार की नवविवाहिताएं पांव पैदल ही अपने ससुराल तक पहुंच पा रहीं हैं। एक अदद सड़क के कारण करीब ढाई सौ परिवार कई पीढ़ियों से अभिशप्त जीवन जीने को विवश हैं। उक्त टोले के चारों ओर जंगल झाड़ी है। ऐसा नही है कि शाहपुर गांव में सड़क नही है बल्कि एक पक्की मुख्य सड़क भी गुजरती है, जो दरभंगा जिले के जाले और कमतौल को भी मधुबनी से जोड़ती है। लेकिन उक्त टोले से मुख्य सड़क तक आने का कोई रास्ता नही है। दशकों पूर्व लोग टोले के बीचोबीच जाती एक पगडंडी सड़क से आवाजाही कर पा रहे थे लेकिन हाल के कुछ वर्ष पहले कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर घर बना लिया गया।
कुछ लोग बताते हैं कि उक्त पगडंडी वाली जमीन निजी थी तो कुछ लोग उसे सरकारी रास्ता की भी बात कहते हैं। उक्त टोले के पूरब और उत्तर दिशा में खाली निजी जमीन है, जहां काफी जंगलात उगे रहते हैं। कुछ लोग उक्त जमीन को अपनी खेती बाड़ी में उपयोग करते हैं। जहां अक्सर बाढ़ बरसात के पानी का जलजमाव बना रहता है। दक्षिण दिशा में लोग घर बना चुके हैं और पश्चिम दिशा में गांव के ही लोगों का निजी जमीन है, जिसमें वर्षा और बाढ़ का पानी फैला है। उक्त जमीन के एक किनारे से जमीन मालिक के रहमो करम पर आवाजाही कर मुख्य सड़क तक पहुंच पाते हैं लेकिन कभी घुटनों भर तो कभी कमर तक से होकर ही आवागमन कर पाते हैं। उसमें भी कोई वाहन टोले तक नही पहुंच पाती।
ग्रामीण सकिन्द्र राम, लक्ष्मी राम, दिलीप राम, जीवन राम, भोगेंद्र राम, रामलखन राम, पलटन राम, योगेंद्र राम, दिनेश्वर राम, महावीर राम, भरोस राम, अघनु राम, रीता देवी, धनवंती देवी, प्रमिला देवी, किरण देवी, पवित्री देवी, सागर देवी, लीला देवी, शीला देवी, ललिता देवी और कपिल राम सहित कई लोगों ने कहा कि जंगलात और जलजमाव के कारण आये दिन टोले में सर्पदंश की घटना होती है, जिसे चार लोगों द्वारा टांगकर मुख्य सड़क तक ले जाते हैं। आपात स्थिति में एम्बुलेंस और अग्निशमन वाहन की बात तो दूर चिकित्सक भी नही आना चाहते हैं। पानी से होकर ही छोटे-छोटे बच्चे स्कूल पहुंच पाते हैं। राज्य सरकार के विकास के तमाम दावे यहां आकर दम तोड़ देती है। करीब दो हजार की आबादी आज भी सड़क की आस में सरकार, जनप्रतिनिधि और प्रशासन की ओर टकटकी लगाये बैठी है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाकर थक चुके हैं।
हर बार चुनाव में प्रत्याशी झूठे वादे कर वोट ले जाते हैं और चुनाव खत्म होते ही हमारी समस्या से किसी को कोई सरोकार नही रह जाता। लोगों ने कहा कि अगर जल्दी ही सरकार और प्रशासन हमलोगों के लिये सड़क की व्यवस्था नही की तो आंदोलन को बाध्य होंगे।
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