मधुबनी सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में कार्यरत एक नर्स अर्चना कुमारी की मौत डीएमसीएच में सोमवार की सुबह हो गई। वह कोरोना संक्रमित थी। मौत के बाद शव के मधुबनी सदर अस्पताल पहुंचते ही यहां कार्यरत नर्सों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल अपनी ड्यूटी करने से मना कर दिया है। शव को देख नर्सों की आंखे नम थी।
वे इस विषम परिस्थिति में भी आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं होने को लेकर आक्रोशित थी। नाराज नर्सों का कहना है कि अस्पताल में कार्यरत नर्सों को सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से पीपीइ किट सहित अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
नर्सों के कामकाज ठप करने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। सदर एसडीओ अभिषेक रंजन तत्काल सदर अस्पताल पहुंच कर नर्सों को समझाने में जुट गए। सदर एसडीओ ने नाराज नर्सों से वार्ता कर उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।
बताया जाता है कि नर्स अर्चना कुमारी एक सप्ताह पूर्व कोरोना संक्रमित हो गई थी। इलाज के लिए तत्काल उन्हें जिले के रामपट्टी स्थित कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया था। जहां से उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया था। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
बताया जाता है कि मृतक नर्स अर्चना कुमारी पांच माह की प्रेग्नेंट थी। वह नालंदा जिला की रहने वाली है और सदर अस्पताल मधुबनी में कार्यरत थी। उसके निधन से सदर अस्पताल के नर्सों में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश है।
नर्सों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच वे जान जोखिम में डाल अपना कर्तव्य निभा रही हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन को उनके सुरक्षा का ख्याल नहीं है। इधर, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने नर्सों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें सारे संसाधन उपलब्ध कराए जाते रहे हैं। बहरहाल, सदर अस्पताल में गतिरोध अभी भी बना हुआ है।
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