बेनीपट्टी(मधुबनी)। जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बेनीपट्टी के ज्योत्सना आरोग्य निकेतन के संचालक पर पचास हजार रुपये का आर्थिंक दंड लगाते हुए स्पष्टीकरण पूछा है। सिविल सर्जन ने स्पष्टीकरण में पूछा है कि क्यूं न आपके क्लिनिक का निबंधन रद् कर दिया जायें। इसका तामिला करने के लिए सिविल सर्जन ने बेनीपट्टी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भी पत्र भेजा है। बता दे कि उक्त क्लिनिक के खिलाफ सोहरौल गांव के मिश्री राम ने सिविल सर्जन कार्यालय में वाद दायर किया था। जिसके आलोक में सिविल सर्जन ने अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व जिला दवा भंडार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जांच कराई थी। जांच में अनियमितता पाये जाने पर जांच अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन को दी थी। जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है। सिविल सर्जन ने भेजे गए पत्र में बताया है कि क्लिनिक के चिकित्सक पुपरी के पीएचसी में पदस्थापित है। जो क्लिनिक से 25 किमी की दूरी पर है। ऐसे में एकल के तौर पर निबंधन लिया गया है। जांच के दौरान नर्सिंग होम में सात मरीजों का सिजेरियन ऑपरेशन व दो मरीजों के बच्चेदारी का ऑपरेशन हुआ था। क्लिनिक में कोई ओर प्रशिक्षित कर्मी अथवा कोई बैध चिकित्सक नहीं है। सिविल सर्जन ने पूछा है कि जब आप सरकारी कार्य के लिए जाते है तब इस मरीजों के देखभाल करने वाला कोई नहीं रहता है। जो नियम के खिलाफ है। पीएचसी प्रभारी डॉ शम्भू नाथ झा ने बताया कि उक्त पत्र के आलोक में तामिला कराया गया है।