बेनीपट्टी मुख्यालय में संसारी पोखरा के समीप प्रस्तावित बस स्टैंड की जमीन पर रहस्यमयी तरीके से दूकान के ढांचानुसार कंस्ट्रक्शन का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार पिछली 2 दिनों में दूकान की ढांचानुसार कंस्ट्रक्शन खड़ी हो गई है. जबकि पिछले पांच दिनों से वहां बिना किसी के कोई जानकारी के मिट्टीकरण किया जा रहा था. मिट्टी को जमा करने के बाद आनन-फानन में काफी तेजी से मकान की नींव रखी गई और 2 दिन में ही कंस्ट्रक्शन ने दूकान के ढांचे का आकार ले लिया. शुरू में लोगों को लगा कि प्रस्तावित बस स्टैंड की जमीन पर बस स्टैंड का कोई हिस्सा सरकारी फंड से बन रहा है, जिससे लोगों में खुशी भी थी.


किसी को नहीं पता कौन करवा रहा निर्माण

लेकिन जब स्थानीय लोगों ने इस कंस्ट्रक्शन के बारे में राजमिस्त्री व मजदूरों से खबर लेनी चाही तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था. यहां तक कि राजमिस्त्री व मजदूर किसके कहने पर आ रहे हैं, यह भी कोई बताने के लिए तैयार नहीं था. आज गुरुवार रात तक उक्त जगह निर्माण का काम चल रहा था, मजदूर तेजी से मिट्टी भर रहे थे. मुख्य बाज़ार में सरकारी जमीन पर हो रही कंस्ट्रक्शन पर लोग सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता व प्रखंड प्रमुख सोनी देवी को जानकारी होने की स्वाभाविक आशंका व्यक्त कर रहे थे. जिसकी खबर बेनीपट्टी की सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता को देर शाम मीडिया के माध्यम से दी गई, तो पता चला कि यह गलत है.


सीओ ने जानकारी होने से किया इनकार

सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता ने साफ़ किया कि संसारी पोखरा के समीप प्रस्तावित बस स्टैंड की जमीन पर किसी भी सरकारी योजना से इस तरह का कोई भी कंस्ट्रक्शन उनके जानकारी में नहीं हो रहा है. उपरांत पल्लवी कुमारी ने त्वरित एक्शन लेते हुए बेनीपट्टी एसएचओ महेंद्र सिंह को इसकी जानकारी दी और काम रुकवाने के लिए कहा.


एक्शन में आये एसएचओ, रुकवाया गया काम

जिसके बाद देर रात बेनीपट्टी एसएचओ महेंद्र सिंह दल-बल के साथ संसारी पोखरा के समीप प्रस्तावित बस स्टैंड की जमीन पर पहुंचे, जहां निर्माणाधीन ढांचे में मजदूर तेजी से मिट्टी भर रहे थे. जब एसएचओ ने मजदूरों व आस-पास में मौजूद लोगों से उक्त कंस्ट्रक्शन को लेकर जानकारी लेनी चाही तो किसी को भी इस बात की सही जानकारी नहीं थी कि यह निर्माण कौन करवा रहा है. एसएचओ के सामने कुछ लोग निर्माणाधीन ढांचा को बस स्टैंड का यात्री शेड बता रहे थे, तो कुछ लोग यह भी बता रहे थे कि बेनीपट्टी प्रखंड प्रमुख सोनी देवी इसका निर्माण करवा रही है. वहीँ कुछ लोग सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता को इस निर्माण के बारे में जानकारी होने की बात दोहरा रहे थे.


एसएचओ ने यात्री शेड का ढांचा होने का किया खंडन

वहीं कुछ लोग दूकान के रूप में आकार ले चुकी इस निर्माणाधीन ढांचे को यात्री शेड भी बता रहे थे. जिसे एसएचओ महेंद्र सिंह ने खंडन भी किया. निरीक्षण को पहुंची पुलिस टीम ने साफ कहा कि उक्त ढांचा यात्री शेड का नहीं है. तत्काल एसएचओ महेंद्र सिंह ने काम को रुकवाते हुए आस-पास के दूकानदारों व वहां काम कर रहे मजदूरों को नसीहत देते हुए फटकार लगाया और तत्काल काम बंद करने के लिए कहा.


प्रखंड प्रमुख को नहीं है कोई जानकारी

बता दें कि इस मामले में बेनीपट्टी की सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता ने शाम में ही साफ़ कर दिया था कि उक्त निर्माण को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इसके अलावे बेनीपट्टी एसएचओ महेंद्र सिंह के दल बल के साथ निरिक्षण के दौरान लोगों द्वारा बताये गये अपुष्ट जानकारी कि यह ढांचा यात्री शेड है और बेनीपट्टी प्रखंड प्रमुख सोनी देवी द्वारा बनवाया जा रहा है.


इस पर बेनीपट्टी प्रखंड प्रमुख सोनी देवी ने इस तरह की कोई भी जानकारी होने की बात से इनकार किया. सोनी देवी ने बताया कि हमारे फंड से किसी भी योजना के तहत उक्त स्थल पर यात्री शेड का निर्माण नहीं हो रहा है और ना ही उक्त जगह हो रही निर्माण के बारे में मुझे कोई जानकारी है. जो लोग भी इस तरह का काम कर रहे हैं, वह गलत कर रहे हैं. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कानूनन अपराध है. हमारी प्राथमिकता है कि भविष्य में जब भी बस स्टैंड निर्माण की प्रकिया आगे बढ़े तो सबसे पहले उक्त जमीन का सीमांकन कर चाहरदीवारी हो, जिसके बाद जरूरत अनुसार यात्री शेड इत्यादि योजना को वहां लागू किया जायेगा. 


रहस्यमयी दूकान के निर्माण पर लगी रोक

वहीं इस मामले में बेनीपट्टी की सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता ने कहा है कि फिलहाल काम पर रोक लगा दी गई है. शुक्रवार को वह प्रस्तावित बस स्टैंड की उक्त जमीन जहां रहस्यमयी निर्माणाधीन दूकान का ढ़ाचा खड़ा किया गया है, उसका वह निरिक्षण करेंगी. जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की जाय.


पहले भी हुआ है अतिक्रमण का प्रयास

बता दें कि उक्त जमीन पर इससे पहले भी कई बार अतिक्रमण का प्रयास किया जा चुका है, इससे पहले कच्चे मकान को खड़ा कर प्रशासन को चुनौती दी जाती रही है. लेकिन इस बार पक्का मकान का ढांचा खड़ा कर प्रशासन को बड़ी चुनौती दी गई है. प्रशासन के लिए यहां अतिक्रमण को हटाने के अलावे इस बात का पता करना भी चुनौती है कि आखिर इस रहस्यमयी दूकान का निर्माण कौन करवा रहा था.



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