बेनीपट्टी(मधुबनी)। अधवारा समूह की सहायक धौंस नदी का पानी विषाक्त हो चुका है। वर्षो से क्षेत्र के लोगों के लिए वरदायिनी साबित हो रही धौंस नदी का पानी आज लोगों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। पानी प्रदूषित होने के कारण लोग चर्मरोग से परेशान हो रहे है। धौंस नदी में नेपाल के महेंद्रनगर स्थित एक निजी पेपर मील द्वारा फैक्ट्री का गंदा पानी निर्वाध रूप से इस नदी में छोड़ा जा रहा है। जिसके कारण धौंस किनारे बसे गांव व खेत-खलिहान चैपट हो रही है। पूर्व में इस नदी के पानी से पशुपालक के साथ किसान फायदा उठाते थे। नदी के पानी से पटवन की समस्या नहीं हो रही थी। लेकिन पानी के प्रदूषित होने के कारण कोई भी किसान गंदा पानी से पटवन कराना तो दूर पानी में उतरना भी नहीं चाह रहा है। पहले इसके पानी का उपयोग पीने, खाना बनाने,नहाने -धोने के अलावे पर्व -त्योहार, अनुष्ठान, आदि यज्ञ -जाप,खेतों के पटवन एवं पशुओं को नहलाने तथा प्यास बुझाने में करते थे। लेकिन,जब से पानी के रूप में कुंट फैक्ट्री का गंदा काला जहर बहने लगा है तब से सीधे तौर पर लोगों ने इसके उपयोग से परहेज कर लिया है। क्योंकि, इसके उपयोग और प्रयोग से जहां खेत बंजर हो गए हैं, वहीं मनुष्य एवं पशु तरह -तरह के चर्म रोग के शिकार होने लगे हैं। किसानों ने बताया कि पहले हमारे खेतों में सोने जैसी विभिन्न तरह के फसलों की उपज होती थी। लेकिन, अब बंजर हो गए हैं। गौरतलब है कि धौंस नदी के प्रदूषित पानी की कई बार जांच की जा चुकी है। बावजूद अब तक कोई ठोस पहल न तो भारत की और से हुई है, न ही नेपाल सरकार इस समस्या के निदान के लिए पहल कर रही है।