बेनीपट्टी(मधुबनी)। एसडीपीओ के कार्यालय में उस समय अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी, जब दहेज प्रताड़ना के वादिनी का बयान एसडीपीओ दर्ज कर रहे थे। पीड़िता के कमजोर हो जाने के कारण बयान दर्ज के समय ही अचानक पीड़िता बेहोश हो गयी। परिजनों ने काफी देर तक उसे होश में लाने का प्रयास किया, लेकिन इसी बीच एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने मानवता का परिचय देते हुए तुरंत अपने वाहन से पीड़िता को लेकर अस्पताल दौड़ पड़े। चिकित्सक ने पीड़िता को कमजोर बताते हुए स्लाईन चढ़ा कर होश में लाया, तब जाकर परिजनों ने राहत की सांस ली। मिली जानकारी के अनुसार अरेड़ थाना के मधवापट्टी गांव के अतीकुर रहमान की पुत्री हुस्ना गुलोबर की शादी गांव के ही मो. जाहिद के पुत्र मो. चांद से करीब पांच वर्ष पूर्व हुई थी। पीड़िता का आरोप है कि उसके ससुराल के लोग उसे दहेज में मोटरसाईकिल व नकद साठ हजार रुपये के लिए लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। पीड़िता ने बताया कि इससे एक वर्ष पूर्व भी ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे जला कर मारने का प्रयास किया। इस बीच कई बार सामाजिक बैठक हुई। बावजूद वे लोग प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रहे है। पीड़िता ने बताया कि प्रताड़ित करने का जब हद टूट गया तो उसने अरेड़ थाना में ससुर, सास, ननद व पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पीएचसी प्रभारी डा. शम्भू नाथ झा ने बताया कि पीड़िता कमजोरी के कारण बेहोश हो गयी थी। चिकित्सीय जांच एवं दवा दी जा रही है। जल्द ही पीड़िता दुरुस्त हो जाएगी। उधर, एसडीपीओ के मानवीय परिचय से परिजनों में काफी खुशी देखी गयी। परिजनों ने बताया कि एसडीपीओ ने मानवीय मूल्यों की रक्षा की है। जबकि अमूमन ऐसा पुलिस वाले नहीं करते है। उधर, एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। वहीं उन्होंने बताया कि हर मनुष्य का दायित्व है कि दूसरे मनुष्य अथवा जीव-जंतु की रक्षा करें। उन्होंने भी ऐसा ही किया है।