बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी-साहरघाट पथ के उच्चैठ लचका पूल के समीप बना डायबर्सन के अतिजर्जरता कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकती है। डायबर्सन इस कदर जर्जर हो चुकी है कि कभी भी उक्त डायबर्सन के कारण भयानक दुर्घटना हो सकती है। बावजूद संबंधित विभाग व स्थानीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। लचका पूल के निर्माण से पूर्व निर्माण कंपनी पूल के पूर्वी भाग में डायबर्सन का निर्माण कराया। जहां निर्माण में डाले गए रोड़ा-पत्थर असमान्य होने के कारण एवं डायबर्सन पर उग आए गड्ढों के कारण लोगों को परेशानी में डाल रही है। वहीं मधवापुर-साहरघाट के निकले बस भगवान भरोसे उक्त डायबर्सन को पार कर रही है। लोगों की माने तो कभी भी डायबर्सन पर दुर्घटना हो सकती है। डायबर्सन के उत्तरी किनारे की स्थिति तो काफी खतरनाक हो गयी है। बता दें कि उक्त डायबर्सन से रोजाना दर्जनों भारी वाहन एवं छोटी वाहन की आवाजाही होती है। वहीं इन दिनों नवरात्रा होने के कारण देर शाम तक बाईक से श्रद्धालुओं की आवाजाही उच्चैठ तक होती है। ऐसे में डायबर्सन की जर्जरता से लोग खासे परेशान व नाराज दिख रहे है। जानकारी दें कि पूल के निर्माणाधीन होने के कारण गत पांच माह पूर्व आए बाढ़ में उक्त डायबर्सन पानी में डूब गयी थी। जिससे कुछ दिनों तक आवाजाही बंद हो गयी थी। वहीं उक्त निर्माणाधीन पूल के आगे थुम्हानी नदी पर निर्मित पूल का एप्रोच अब तक नहीं निर्माण हो सका है। जबकि एप्रोच के निर्माण के लिए सीधे डीएम ने निर्देश दिए थे। उक्त निर्देश के बाद एप्रोच के जगह पर रोड़ा-पत्थर डाल दिया गया। जहां आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती है। जानकारी दें कि मलहामोर के करीब आधा किमी उत्तर लचका पूल को तोड़ कर वर्ष-2016 से ही पूल निर्माण कार्य किया जा रहा है। जो स्थानीय लोगों के अनुसार काफी धीमी गति से हो रहा है। निर्माण कार्य में लगे मुंशी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि उक्त पूल का निर्माण मई-2018 तक करना है। पूल का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है। मुंशी ने बताया कि उक्त पूल का निर्माण करीब तीन करोड़ की राशि से पटना की शुभंकर ओमदेव कंपनी करा रही है। उधर स्थानीय लोगों ने पूल निर्माण कार्य को तेजी से कराने अथवा डायबर्सन के मरम्मति कराने की मांग की है। इस संबंध में एसडीएम मुकेश रंजन ने बताया कि डायबर्सन को दुरुस्त कराने के लिए कहा जाएगा।