बेनीपट्टी (मधुबनी)। सूबे में शायद ये पहला ऐसा स्कूल है, जो दूसरे सरकारी स्कूल में संचालित है। एक ही स्कूल के एक ही कमरें में शायद ही किसी जगह दो स्कूल का संचालन अब तक किसी ने देखा होगा, पर ये सच है। बेनीपट्टी प्रखंड के कटैया पंचायत के नूरी टोल में संचालित प्राथमिक विद्यालय उर्दू में चम्मा टोल में संचालित होने वाला प्राथमिक विद्यालय भी संचालित कराया जा रहा है। जो अपने आप में हैरतअंगेज है। मूल स्कूल के पास पूर्व से ही कमरा व संसाधन की कमी है। दो कमरों का स्कूल में एक कमरा जहां एमडीएम के लिए रखा गया है। वहीं एक कमरा में ही दोनों स्कूल के बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है। जिससे स्कूल के बच्चों पर प्रतिकुल प्रभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है। दोनों स्कूल के बच्चों के आपस में पढ़ाई होने की स्थिति से उलट कमरा में हमेशा बच्चों की आपसी लड़ाई ही देखी जाती है। जिसके कारण स्कूल में शैक्षणिक माहौल तो दूर शिक्षकों के बैठने के लिए भी सही जगह नहीं है। कमरा में बच्चें आपस में हो-हंगामा करते रहते है, शिक्षक बाहर कुर्सी पर बैठकर आपस में बात करते रहते है। गौरतलब है कि चम्मा टोल के लिए प्रस्तावित प्राथमिक विद्यालय के लिए धरातल भले ही नसीब न हुआ है, लेकिन उक्त स्कूल में फिलहाल 96 छात्र व छात्राएं नामांकित है। जिन्हें शिक्षा ग्रहण कराने के लिए विभाग की ओर से तीन शिक्षक तैनात किए गये है। परंतु उक्त स्कूल के लिए चम्मा टोल में जमीन नहीं मिलने के कारण स्कूल का निर्माण नहीं हो पाया। अलबत्ता, विभाग ने पूर्व से ही संसाधन की कमी को झेल रहे नूरी टोल के प्राथमिक विद्यालय में मौखिक रुप से चम्मा टोल के स्कूल को शिफ्ट करा दिया। ग्रामीणों की माने तो शिफ्ट होने से पूर्व जहां शिक्षा व्यवस्था धरातल पर नहीं उतर पा रही थी, वहीं उक्त स्कूल के बच्चों के आने के बाद व्यवस्था ही चरमरा गई। जानकारी दें कि नूरी मुहल्लें के प्राथमिक विद्यालय के पास न तो किचेन शेड है, ओर न ही चापाकल की व्यवस्था। शौचालय के निर्माण की बात तो दूर विद्यालय के पास कार्यालय तक नहीं है। वहीं स्कूल के सामने बेनीपट्टी-बरहा सड़क है। जहां दिनभर वाहनों की आवाजाही होती रहती है। ऐसे में स्कूली छात्र खेलकूद भी नहीं कर पाते है। छात्रों की उपस्थिति अधिक होने पर सड़कों पर बैठा कर छात्रों को एमडीएम परोसा जाता है। चम्मा टोल के प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. शोएब ने बताया कि जब तक स्कूल के पास जमीन की समस्या खत्म नहीं होगी, तब तक समस्या का निदान संभव नहीं है। वहीं प्राथमिक विद्यालय उर्दू के प्रभारी ने बताया कि एक स्कूल में दो स्कूल के संचालन से काफी समस्या आ रही है।