बेनीपट्टी (मधुबनी)। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रसव वार्ड में हो रही अवैध उगाही का मामला अब सार्वजनिक होता जा रहा है। इसकी शिकायत रविवार को पीएचसी परिसर में उमड़े आशा कार्यकर्ताओं के जत्था ने मीडिया कर्मियों के सामने की। जिसका संज्ञान लेते हुए अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश रंजन ने तत्काल चिकित्सा पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार सिंह को संबंधित एएनएम से स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया। एसडीएम ने साफ लहजें में कहा कि अनुशासनहीनता एवं अवैध उगाही किसी भी सुरत में सहन नहीं की जाएगी। वहीं एसडीएम ने बिना सूचना के पीएचसी में आशा कार्यकर्ताओं की भीड़ पर भी टिप्पणी करते हुए प्रभारी को इसकी पूर्व सूचना नहीं दिए जाने का कारण पूछा। गौरतलब है कि रविवार को प्लस पोलियो टीकाकरण की शुरुआत किये जाना था। टीकाकरण से अपने आप को अलग करते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पीएचसी परिसर के मुख्य सड़क पर बैठकर विभाग व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि बिहार चिकित्सा एवंज न स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर आशा व कुरियर पोलियो से अलग हुए है। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि 45वें श्रम सम्मेलन के अनुशंसा के आलोक में आशा, ममता, कुरियर सहित सभी स्कीम वर्कर्स को मजदूर का दर्जा देते हुए न्यूनतम वैधानिक मजदूरी अठारह हजार रुपये का भुगतान करते हुए तीन हजार रुपये मासिक पेंशन सहित ईपीएफ एवं ईएसआई की सुविधा प्रदान किया जाए, एवं सरकारी सेवक घोषित किया जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि आशा, ममता सहित अन्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि का प्रखंड स्तर पर हर माह नियमित रुप से भुगतान किया जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने प्रसव वार्ड में चल रहे उगाही के संबंध में बताया कि प्रसव वार्ड में गर्भवती महिलाओं का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। आर्थिक रुप से कमजोर परिवार से बच्चा होने पर तीन सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक उगाही की जाती है। वहीं वीसीजी, पेंटाभाईलेट, टीटी के टीका में प्रत्येक से बीस रुपये की उगाही की जाती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के योजना से संबंधित चेक के समस्या के निदान के लिए अलग से उगाही की जाती है। इधर चिकित्सा पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रसव वार्ड में अवैध उगाही का मामला प्रकाश में आया है। वरीय अधिकारी के निर्देश पर संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण कर जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं प्राप्त होने पर वरीय अधिकारी के साथ विभागीय अधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्राचार किया जाएगा। वहीं स्पष्टीकरण होने के बाद संबंधित कर्मियों में हड़कंप की स्थिति देखी गयी है। एसडीएम मुकेश रंजन ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विधि-सम्मति कार्रवाई की जाएगी।