बेनीपट्टी(मधुबनी)। बाढ़ राहत की सूची में नाम नहीं रहने पर हंगामा करने वालों पर मधवापुर के सीओ ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। सीओ ने राहत की मांग के आड़ में सुनियोजित ढंग से हत्या करने का प्रयास करने सहित कई संगीन आरोप में प्राथमिकी मधवापुर थाना में दर्ज कराई है। सीओ ने मुखियापति नीलाबंर मिश्र, पंचायत समिति सदस्य पति चेतन रश्मि, उमेश साह, सलेन्द्र साह, नरेश लाल कर्ण, संतोष पूर्वे, जितु साह, वार्ड सदस्य मो. जाहिर, ओलेसा खातुन, विजय साह सहित 22 लोगों को नामजद किया है। वहीं करीब पांच सौ अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। सीओ ने प्राथमिकी में बताया है कि गत 22 सितबंर के सुबह कार्यालय कार्य से मधुबनी जा रहा था। रास्ते में एसडीएम के निर्देश पर पुनः मधवापुर लौट गया। इसी दरम्यान मुखियापति नीलाबंर मिश्र ने मोबाईल पर डीलर की कालाबाजारी करने की सूचना दी गयी। सूचना पर एसडीएम के निर्देश पर मधवापुर पुलिस के साथ ब्रह्मस्थान पहुंचा। जहां पूर्व से ही नामजद लोग सहित अज्ञात लोग उपस्थित थे। वहां पहुंचते ही वार्ता के दौरान मुखिया पति सहित अन्य लोगों ने डीलर के द्वारा लिखित आवेदन दिखाते हुए कहा कि डीलर ने माना है कि राहत सूची से आपके कहने पर नाम काटा गया है। सीओ ने बताया है कि ऐसा आदेश की कॉपी दिखाने को कहा गया तो उपलब्ध नहीं कराया गया।उपरांत डीलर के गोदाम को सिल किया गया। जांचोपरांत कार्रवाई की बात कहीं गयी। दूकान सील होने के बाद भीड़ तंत्र ने बात को बदलते हुए राहत संबंधी समस्या पर हंगामा करना शुरु कर दिया। इसी बीच नामजद लोगों ने गाली-गलौज, धक्का-मुक्की, मारपीट करना शुरु कर दिया। सीओ ने बताया है कि भीड़ उन्हें जान से मार देना चाह रही थी।गले में गमछा डालकर मारने का प्रयास किया गया। पुलिस ने दिलेरी दिखाते हुए उनकी जान बचायी।बेनीपट्टी के सरकारी अस्पताल में इलाज कराया गया। सीओ ने नामजद लोगों पर सरकारी आवास पर पथराव करने, बाढ़ राहत कार्य में बाधा उत्पन्न करने सहित कई गंभीर आरोप लगाये है। उधर मुखिया पति नीलांबर मिश्रा सहित अन्य आरोपियों ने बताया कि प्रशासन अपनी गलती को छूपाने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं थानाध्यक्ष हरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है।