BNN News



राहुल कुमार झा, (बेनीपट्टी, मधुबनी) : बेनीपट्टी प्रखंड मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गम्हरिया गांव के लोग आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सड़क, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, यातायात जैसी मौलिक सुविधाओं का इस गांव में घोर अभाव है. टापू की तरह खेतों से घिरा यह गांव जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से बारिश के दिनों में सड़कों की स्थिति दयनीय हो जाती है. बाढ़ की विभीषिका से यह गांव हमेशा आशंकित रहता है. मानक तरीके से घर का निर्माण नहीं होने व जनप्रतिनिधियों द्वारा यहां के विकास पर ध्यान नहीं देने से समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है. 3 वार्ड वाले गम्हरिया गांव की जनसंख्या 4500 है, जबकि यहां मतदाताओं की संख्या 1700 है. वहीं सुविधा के नाम पर एक मध्य विद्यालय व 3 आंगनबांड़ी केंद्र है. 

विकास के नाम पर पगडंडी के सहारे चल रहा यह गांव आज़ादी के बाद से विगत 2 वर्ष पूर्व तक अंधेरा में जीने के लिए विवश था. काफी जद्दोजहद के बाद 2 वर्ष पुर्व गांव में बिजली की आपूर्ति की गई. लेकिन आपूर्ति के वाबजूद भी गांव में बिजली की लूंज पूंज व्यवस्था़, टूटी हुई मिट्टी की सड़के, सिंचाई सुविधा का अभाव, शौचालय का अभाव, स्वास्थ्य केंद्र के नहीं रहने, पेयजल, वृद्धावस्था पेंशन, राशनकार्ड, खाद्य सुरक्षा योजना जैसी मुलभुत सुविधाओं से अधिकांश ग्रामीण वंचित हैं. गांव के मुख्य व गली की सड़क की हालत काफी खराब है।

गांव में अंकुरित सरस्वती मंदिर है आकर्षण का केंद्र  
गम्हरिया गांव में अंकुरित मां सरस्वती भव्य मंदिर में विराजमान हैं. जिनके दर्शन को रोज सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. मौलिक सुविधाओं से वंचित रहने के वाबजूद भी यहां माँ सरस्वती की ऐसी असीम अनुकंपा है की इस गांव के सैकड़ो लोग आज सरकारी विभागों में उच्च पदों पर पदासीन है. वहीं चिकित्सक, इंजिनियर, वकील, सेना सहित भारतीय व बिहार सेवा में दर्जनों लोग अपनी सेवा दे रहे हैं. हिंदी व मैथिली के कई विद्वानों ने अपनी विद्वता से इस गांव का मान-सम्मान बढ़ाया है.


आप भी अपने गांव की समस्या घटना से जुड़ी खबरें हमें 8677954500 पर भेज सकते हैं... BNN न्यूज़ के व्हाट्स एप्प ग्रुप Join करें - Click Here



Previous Post Next Post