बेनीपट्टी(मधुबनी)। लघु सिंचाई विभाग के गलत नीतियों के कारण किसानों को पटवन की भारी समस्याओं से जुझना पड़ रहा है.विभाग के द्वारा अधिष्ठापित राजकीय नलकूप व लिफ्ट ऐरिगेशन मशीन ठप पड़ा हुआ है।नदियों में पर्याप्त जलस्तर नहीं होने के कारण जहां क्षेत्र के तमाम उद्वह सिंचाई मशीन बंद पड़ा हुआ है,वहीं कहीं ऑपरेटर के गायब रहने अथवा कहीं राजकीय नलकूप के मशीन में यांत्रिकी खराबी के कारण नलकूप बंद पड़ा हुआ है।गत वर्ष विभाग के द्वारा नलकूप के आसपास पटवन के लिए नालियों का निर्माण कराया गया था।परंतु उक्त योजना में कथित लूट खसोट के कारण क्षेत्र के अधिकांश नालियां ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है।विभागीय अधिकारी किसी भी स्थल तक नहीं पहुंच पाते है.जिस कारण ऑपरेटर अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहा है।जानकारी दें कि अनुमंडल प्रक्षेत्र के किसानों के खेतों की पटवन की व्यवस्था करने के लिए लघु सिंचाई विभाग की ओर से करीब 21 जगहों पर राजकीय नलकूप व 22 जगहों पर उद्वह सिंचाई योजना के तहत नदियों से जोड़कर मशीन लगाया गया था।मानसून के मजबूती के कारण किसानों को जहां धान की उत्पादन अन्य वर्षो के अपेक्षा बेहतर हुई है,वहीं पटवन के समस्या के कारण अब किसानों को रबी व गेंहू की फसल से हाथ धोने की नौबत आ रही है।त्यौंथ के जागेश्वर यादव ने बताया कि विभाग किसानों के खेत में पानी देने में पूर्णरुप से असफल साबित हो रहा है।पटवन की समस्या के कारण लोग अब खेती से मुंह मोड़ने लगे है।वहीं बेनीपट्टी के किसान उद्यान पंडित कमल कुमार झा ने बताया कि विभाग कागजी खानापुरी के लिए नाली अथवा मशीनघर का निर्माण कराया है।हर निर्माण में भारी पैमाने पर राशि की बंदरबांट हुई है.नाला ध्वस्त हो रहा है।किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है।वहीं कमल कुमार झा ने विभाग के वरीय अधिकारी से निर्माण कार्य की व्यापक जांच कराने की मांग की है।वहीं पाली के पूर्व मुखिया राजेंद्र मिश्र ने बताया कि उद्वह सिंचाई योजना पूर्णरुप से फ्लॉप साबित हो रही है। मशीन का पाईप लगाने के समय विभाग को ये सोचना चाहिए था कि नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद किसानों के खेतों में पानी कैसे पहुंच पायेगा।मनमाफिक पाईप डालकर योजना को किसी तरह पूर्ण किया गया।