बेनीपट्टी(मधुबनी)। कन्हैया मिश्रा : मिथिलाचंल में अनेक विभूति पैदा हुए है।मिथिलाचंल हर लहजें में अन्य क्षेत्र के मुकाबले आगे है।जिस क्षेत्र ने पूरे विश्व व भारत को अनेक विभूति व विद्वान दिये है।ऐसे धरती को नमन।श्री लीलाधर उच्च विद्यालय में मिथिलांचल सर्वोंगीण विकास समिति की ओर से आयोजित 32वां मिथिला विभूति पर्व की दूसरे दिन की उद्घाटन करते हुए एसडीपीओ निर्मला कुमारी ने कहीं।सुश्री कुमारी ने साथ ही मैथिली भाषा को अधिक मधुर भाषा की संज्ञा देते हुए अपने आपको सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि वे धन्य है कि मिथिलाचंल में उन्हें कार्य करने का मौका मिला।वहीं उन्होंने बताया कि उनके बिस्फी में कवि कोकिल विद्यापति का डीहस्थल है।जिससे प्रमाण है कि मिथिला भाषा के साथ-साथ धार्मिक व सांस्कृतिक रुप से परिपूर्ण है।एसडीपीओ ने इससे पूर्व कवि विद्यापति के तैल चित्र पर दीप प्रज्जवलित व माल्यापर्ण कर कार्यक्रम की उद्घाटन की।वहीं उपस्थित लोगों के कहने पर एसडीपीओ ने मैथिली में मंगलमय दिन आजू हो, पाहून छईत आयल गीत गाकर लोगां को अंचभित कर दिया।वहीं एसडीपीओ ने अपने संबोधन में भी मैथिली भाषा का ही प्रयोग किया।कार्यक्रम में गायक हेंमत कुमार व ब्रह्मदेव यादव के गाये मंगलाचरण जय-जय भैरवी असुर भयाओनी, पशुपति भामिनी माया से शुरु की गयी।उपरांत मिथिला एफएम के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर श्रोताओं को पुरी रात जागने पर मजबूर कर दिया।कार्यक्रम में जहां प्रभू-बलराम की हास्य जोड़ी ने उद्घोषक की भूमिका निभायी।वहीं रंजना प्रियदर्शी व खुशबू मिश्रा ने गंगा आरती, जट-जटिन, सल्हेस, सामा-चकेवा, कजरी, झरनी सहित कई मनमोहक नृत्य के साथ गायन कर लोगों का जमकर मनोरजंन किया।वहीं कार्यक्रम के बीच में भरत सिंह, विपिन गुप्ता व महेश की जोड़ी ने प्रभू-बलराम के साथ अच्छी हास्य विनोद कर लोगो को गुदगुदाने पर मजबूर करते दिखे।


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