बेनीपट्टी(मधुबनी)। केंद्र की मोदी एवं बिहार के नीतीश सरकार दोनों भले ही एक-दूसरे के विरोधी दिख रहे है, लेकिन दोनों सरकार की एजेंडा सिर्फ किसान विरोधी है।बिहार हर वर्ष बाढ़-सुखाड़ से ग्रसित हो रहा है।उनके पार्टी के नेता लगातार किसान के लिए हाईडैम के निर्माण की बात कहती है,लेकिन किसी भी सरकार ने अभी तक किसानों के हितों के लिए कार्य नहीं किया है।आखिर हर कोई कॉरपोरेटरों के लिए ही काम क्यूंक र रहा है।जबकि देश के किसान के कारण ही बड़े-बड़े उद्योगपतियों को पेट चलता है।उसी देश में किसान की हालत बद्तर हो। बेनीपट्टी में बिहार राज्य किसान सभा के 34वें राज्य सम्मेलन के अंतिम दिन किसान सभा के नेताओं ने संयुक्त रुप से प्रेस को संबोधित करते हुए कहा।वहीं किसान सभा के पूर्व राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि धान की अधिप्राप्ति में करोड़ों की राशि का घोटाला हुआ है।किसानों के उनके फसलों का समर्थन मूल्य तक नहीं दिया गया है।इसलिए किसान सभा वर्ष 2017 में सूबें के हर जिलों में प्रखंड से लेकर जिला तक किसान के लिए आन्दोलन करेगी।महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने बताया कि जो मिथिलाचंल हर क्षेत्र मे आगे रहती थी।वहीं क्षेत्र आज बाढ़-सुखाड़ से त्रस्त है।इसका निदान किये बगैर किसानों का भला नहीं हो सकता है।वहीं उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि किसानों के भले के लिए या तो सरकार कार्य करें या अब आन्दोलन करने की आवश्यकता है।प्रेस वार्ता के मौके पर  रविंद्र नारायण राय, कृपानंद झा आजाद, पूर्व विधायक रामनरेश पाण्डेय व किसान सभा के उपाध्यक्ष राम कुमार झा मौजूद थें।


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