बेनीपट्टी। बिकास झा : इस बार के संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में बेनीपट्टी से 10वां विधायक के रूप में कांग्रेस की भावना झा निर्वाचित हो चुकी है। लेकिन बेनीपट्टी सीट पर भावना झा को कांटे की  टक्कर देने वाली पिछले बार की विजेता बीजेपी जो की हार के वाबजूद भी अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है। बेनीपट्टी सीट से पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के उमीदवार विनोद नारायण झा को पिछले चुनाव के तुलना में इस बार 20046 वोट अधिक मिले। जबकि विनोद नारायण झा को 2010 के हुए विस चुनाव में कुल गिरे मत लगभग 97668 में से 31198 मत मिला था, जो की कुल मत का 31.94 प्रतिशत था। वहीं इस बार के चुनाव में एनडीए के उमीदवार के तौर पर बीजेपी के विनोद नारायण झा पुनः मैदान में थे, और पिछले विस चुनाव के प्रदर्शन के तुलना में वोट प्रतिशत को देखें तो अच्छे स्थिति में दिखे। इस बार उन्हें कुल गिरे मत 134834 में से 51244 मत मिला, जो की कुल मतों  का 38.00 प्रतिशत था। इस बार घटक दल के रूप में लोजपा, रालोसपा और हम जैसी पार्टियां थी, जो की इस क्षेत्र में इन घटक दलों का प्रभाव ना के बराबर ही था। इन आंकड़ों के आधार पर यह माना जा सकता है की कभी सीपीआई और कांग्रेस की गढ़ माने जाने वाली बेनीपट्टी में बीजेपी की स्थिति मजबूत हो रही हैै। इस बार की विजेता कांग्रेस प्रत्याशी भावना झा का प्रदर्शन भी पिछले विधानसभा चुनाव के तुलना में बहुत अच्छा रहा। भावना झा 2010 के चुनाव में अकेले दम पर कांग्रेस के उमीदवार के तौर पर मैदान में थी, और 13334 मत प्राप्त की थी।  जो की कुल मत का 13.65 प्रतिशत था, वह तीसरे स्थान पर रहीं थी। वहीं इस बार जोदार तरीके से वापसी करती हुई जीत हासिल करने वाली भावना झा महागठबंधन (राजद+जदयू+कांग्रेस) के कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में थी। इस बार उन्हें कुल गिरे मत 134834 में से 55978 मत मिले जो की कुल मत का 41.51 फीसदी था। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के विनोद नारायण झा से जीत-हार का फासला मात्र 3.51 फीसदी वोटों का रहा।

चुनाव से पहले राजनितिक विश्लेषकों द्वारा माना जा रहा था की मुकाबल त्रिकोणीय हो सकता है, तर्क के तौर पर दोनों प्रमुख दल से ब्राम्हण उमीदवार ओर साथ ही सीपीआई के उमीदवार भी ब्राम्हण होना था। इस के आधार पर जातिगत समीकरण का अंदाजा लगाकर जीत-हार का फैसला करना मुश्किल लग रहा था। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद बहुत कुछ देखने को मिला। सीपीआई उमीदवार की उपस्थिति फिर एक बार इस चुनाव में किसी प्रकार का प्रभाव डालने में असफल रही। सीपीआई उमीदवार कृपानंद झा को पिछले चुनाव से तुलना में इस बार मात्र 65 वोट का इजाफा हुआ, कृपानंद झा को 2010 के चुनाव में 9693 वोट मिले थे जबकि इस बार 9758 वोट मिले है।


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