बेनीपट्टी(मधुबनी)।कन्हैया मिश्राः अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्रों में एक के बाद एक बैंक डकैती की घटना होने के बाद भी बैंक कर्मी अपनी पुराने आदतों से बाज नहीं आ रहे है।सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर आज भी चौकिदार व दफादार के सहारे ही बैंक अपना करोडों का कारोबार कर रही है।वहीं रात में पुलिस गश्ती के सहारे सुरक्षा के दावे किये जा रहे है।रविवार की देर रात एसबीआई बेनीपट्टी ब्रांच में हुए असफल प्रयास में एक बार फिर बैंक की अपनी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गयी।वरीय अधिकारी के निर्देश के बावजूद बैंक परिसर में न ही एक सीसीटीवी कैमरे लगे दिखे, न ही बैंक के बाहरी जगहों पर।वहीं बैंक में एक भी गार्ड तक की व्यवस्था नहीं दिखी।पुलिस अधीक्षक अख्तर हुसैन की माने तो उनके स्तर पर लगातार बैंक की सुरक्षा संबधी निर्देश दिये जाते है।ऐसे बैंक प्रबंधको को पुनः बैंक में गार्ड की व्यवस्था करने व सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया जायेगा।जानकारी हो कि गत 15 मई 2012 को अनुमंडल प्रक्षेत्र के सबसे बडे बैंक डकैती बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के शिवनगर गांव स्थित पंजाब नेशनल बैंक में हुई थी।जहां डकैती कर भाग रहे डकैतो को ग्रामीणों ने चैर में राशि के साथ पकडकर पुलिस को सौंप दिया था,वहीं उच्चैठ के ग्रामीण बैंक में भी गत वर्ष चौकिदार की हत्या कर बैंक में लगभग ढाई लाख की चोरी की थी।वहीं उससे पूर्व पाली के ग्रामीण बैंक व खिरहर थाना क्षेत्र के खिरहर गांव स्थित ग्रामीण बैंक में चैकीदार को बंधक बनाकर बैंक लूटने का प्रयास किया था,जहां ग्रामीणों के जाग जाने के कारण अपराधियों के मंसूबे को परवान नहीं चढ पाया था।वहीं लगभग चार वर्ष पूर्व अरेर थाना क्षेत्र के लोहा ग्रामीण बैंक में भी डकैती की घटना हो चूकी है।जानकारों कि माने तो बैंक खुद अपनी सुरक्षा के प्रति अधिक संजीदा नहीं है.अधिकतर बैंको में न तो सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है ना ही किसी बैंक में गार्ड की व्यवस्था की जाती है।कहना उचित होगा कि बैंक की राशि का भगवान ही सुरक्षा कर रहे है।ज्ञात हो कि गत वर्ष पूर्व एसडीएम मिथिलेश मिश्रा ने सभी बैंक प्रबंधको को बैंक परिसर सहित पार्किंग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था।कई बैंक के द्वारा कैमरे लगाये भी गये,मगर अधिकतर बैंको में सीसीटीवी कैमरा बैंक के कार्यकाल के बाद बंद कर दिये जाते है।