बेनीपट्टी(मधुबनी)।कन्हैया मिश्रा: रामजानकी धर्मशाला में रविवार को अखिल भारतीय धानुक उत्थान महासंघ के जिलाध्यक्ष डा.जगदेव मंडल के अध्यक्षता में धानुक जाति की सामाजिक,आर्थिक एवम् दिशा पर चिंतन हेतु बैठक का आयोजन किया गया.बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि धानुक जाति अपनी पौराणिक पहचान के वजह से जानी जाती है.10.5 प्रतिशत आबादी होने के बाद भी इस समाज को उचित सम्मान व हक नहीं मिला.वहीं जिलाध्यक्ष ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने हमेशा से धानुको को सिर्फ उपयोग किया है.जिससे हमारी पहचान कायम नहीं हो पायी है.वहीं उन्होनें कहा कि आजादी के बाद से ही धानुक जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया था.धानुक का यूपी,हरियाणा,मध्यप्रदेश,राजस्थान,पंजाब,उडीसा,दिल्ली सहित कई राज्यों में होने के बाद भी ये समाज आज भी हर स्तर पर उपेक्षित है.वहीं बैठक को संबोधित करते हुए बचनू मंडल ने कहा कि धानुक समाज अन्य प्रदेशों में आरक्षण का लाभ ले रही है,मगर बिहार व झारखं डमें धानुक समाज को अतिपिछडा वर्ग में शामिल कर दिया गया है.जिससे धानुक समाज का कल्याण नहीं हो रहा है.वहीं बचनू ने कहा कि स्व.कर्पूरी ठाकुर के द्वारा गठित मुंगेरीलाल कमीशन के रिपोर्ट को लागू करने पर ही धानुक अतिपिछडा में भी शामिल होकर कुछ खास जगहों पर पहुंच पाये.बैठक में धानुक समाज को अनुसूचित जाति व जनजाति में शामिल करने हेतु स्वजातिय एकजुटता बैठक बेनीपट्टी में करने सहित कई अन्य मुद्दो पर विचार विमर्श किया गया.बैठक को देवेंद्र मंडल,परशुराम मंडल,संजीव मंडल,सुशील मंडल,गणपति मंडल,वीरचंद्र मंडल,ललन मंडल,श्याम सुंदर मंडल,उमानाथ मंडल,घनश्याम मंडल,रामविलास मंडल सहित कई लोगों ने अपने विचार प्रकट किये.