पटना (बिहार) बिकाश झा : भाई आज बिहार के सीएम ने क्या बयान दिया है? यह सवाल न्यूजरूम से लेकर लोगों के बीच मनोरंजन का विषय बन गया है. जब से बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कुर्सी संभाली है उन्होंने एक से बढ़कर एक बयान दिए. उनके बोल पर बवाल भी हुआ, उनके खिलाफ केस भी ठोंके गए और उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ गई. लेकिन 'बयानवीर' मांझी ने अपने शॉर्ट टर्म के शासन में बयान देने का रिकॉर्ड बनाने की ठान ली है.
मांझी फैक्ट्री से ताजी करारी एक और स्टेटमेंट परोसी गई है. मांझी ने सीने की चौड़ाई पर अपने ज्ञानबोध का परिचय देते हुए एक विश्लेषणात्मक टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है, 'कुछ लोग कहते हैं उनके पास 36 इंच का सीना है, मुझे लगता है नीतीश कुमार के पास 36 इंच का सीना है'.
Some people say they have 36 inch chest, I feel it
is Nitish Kumar who has a 36 inch chest: Jitan
Ram Manjhi pic.twitter.com/PreVPoPi7r
— ANI (@ANI_news) November 18, 2014
ऐ भाई हमने तो लोगों को 56 इंच पर भी इतराते सुना है. कहीं ऐसा तो नहीं कि नीतीश बाबू का बखान करते-करते उनकी ही मटियामेट कर दी. कहां तो नीतीश कुमार खुद को मोदी के टक्कर का बताते हैं और कहां उनके प्रिय और विश्वसनीय सीएम मांझी ने 56 इंच की छाती वाले मोदी से टक्कर लेने वाले नीतीश को 36 इंच
की छाती वाला नेता बता दिया. कोई बात नहीं वैसे भी स्लिप ऑफ टंग सिंड्रोम के शिकार जीतनराम मांझी जितनी स्पीड से बयान लॉन्च करते हैं, उतनी ही गति से उस पर लीपापोती करना भी शुरू कर देते हैं.
मांझी के टॉप 10 बवाली बोलों पर एक नजर-
1. 'सवर्ण जाति के लोग विदेशी हैं'
11 नवंबर को मांझी ने बेतिया में कहा कि सवर्ण जातियों के लोग विदेशी हैं और यहां (भारत) के मूलनिवासी आदिवासी और अनुसूचित जनजाति के लोग हैं. इस बयान पर मांझी के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
2. 'मैं पहले दलित का बेटा हूं, मुख्यमंत्री बाद में' पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में मांझी ने कहा, 'दलित अगर राजनीतिक रूप से जागरूक बनें तो हर पद पर इस समाज के बेटे जरूर नजर आएंगे'. उन्होंने कहा कि आदिवासी यहां के मूल निवासी हैं. उनके जागरूक नहीं रहने के कारण बाहर से आए आर्य हावी होते गए.
3. 'बिहार को मिला विशेष दर्जा तो पीएम मोदी से हाथ मिलाने को तैयार' कांटी थर्मल पावर स्टेशन के उद्घाटन के मौके पर जीतनराम मांझी ने यह बयान दिया था. इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे.
4. 'जब आप बाहर थे क्या करती थीं पत्नियां'
बिहार में एक कार्यक्रम में पलायन पर बोलते हुए मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि 'आप जवान आदमी बाहर चले जाते थे और साल भर बाद आते थे. आपकी पत्नी यहां घर पर क्या करती थी यह सोचने की बात है.'
5. 'वोट बैंक के चलते जाति विशेष की शिकायत लेकर आई महिला की मदद नहीं की' राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर मांझी ने कहा कि जब वह मंत्री थे तो उनके पास एक जाति विशेष की शिकायत लेकर एक महिला आई, लेकिन उन्होंने उसकी मदद सिर्फ इसलिए नहीं की क्योंकि उस क्षेत्र में उस जाति के सिर्फ 50 हजार वोट थे.
6. 'जो गरीबों के साथ खिलवाड़ करेंगे उनका हम हाथ काट लेंगे' पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल में उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर अपना काम ईमानदारी से नहीं करेंगे तो उनका हाथ काट दिया जाएगा. इस बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिहार इकाई ने गंभीर आपत्ति जताई थी. विवाद होने के बाद मांझी ने कहा था कि वह अपने बयान में मुहावरे का प्रयोग कर रहे थे.
7. 'बिजली बिल कम करवाने के लिए पांच हजार रुपये घूस में दिए थे' अगस्त में एक सरकारी कार्यक्रम में मांझी ने कहा था कि बिजली बिल कम करवाने के लिए उन्होंने पांच हजार रुपये घूस में दिए थे. मांझी ने यह भी कहा कि बाद में उन्होंने उस अधिकारी की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी और जांच के बाद उसे जेल भी भिजवाया. हालांकि बाद में वो अपने बयान से पलट गए.
8. 'मेरे जाने के बाद मंदिर धुलवाया गया' मधुबनी जिले के एक दौरे से लौटकर मांझी ने कहा कि वो दलित हैं इसलिए परमेश्वरी मंदिर से जब वह पूजा कर चले गए तो मूर्तियों को धुलवाया गया. मंदिर के पुजारियों ने कहा कि मूर्तियों को हर दिन धोया जाता है.
9. 'चूहा मारकर खाना खराब बात नहीं है'
बाढ़ प्रभावित बिहार में लोग चूहे खाने को मजबूर थे. इसे सीएम साहब ने जायज ठहराते हुए कहा कि चूहा मारकर खाना खराब बात नहीं है. अब उन्हें कौन बताए कि भले ही वो शौकिया तोर पर चूहे खाते हों, लेकिन बाढ़ वाले इलाकों में खाने की कमी के कारण लोग चूहे खाकर जिंदा रहने को बेबस थे.
10. 'अगर कोई पाव भर शराब पीकर सो जाए तो मैं उसे बुरा नहीं मानता.' बिहार के दानापुर के महादलित सम्मेलन में जीतनराम मांझी ने यह बयान दिया था. जिस बिहार में आए दिन शराब से मौत की खबर आती है, वहां के सीएम की इस वकालत पर खूब हंगामा मचा. हालांकि मांझी ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि मेरी उम्र 70 साल है लेकिन मैंने कभी दारू को हाथ नहीं लगाया. मांझी के इन बयानों को जानकर एक पल के लिए गुस्सा आता है. लेकिन दूसरे ही पल उनके दिए एक बयान से उनकी हालत पर तरस भी आता है. उन्होंने खुद ही मान लिया है कि वो तो 'कुछ दिनों के ही सीएम हैं'. वैसे उनके इस बयान पर भी हल्ला बोलने वालों ने कोहराम मचाया था.


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