बेनीपट्टी(मधुबनी)। बिहार का मिथिलांचल अपने मधुर वाणी के साथ-साथ मछली, मखान और तालाब के लिए प्रचलित है। लेकिन, ये तालाब मिथिलांचल में अब विवादों का जड़ बनता जा रहा है।
बेनीपट्टी प्रखंड के मनपौर गांव में जारी तालाब स्वामित्व का मामला भी अब धीरे-धीरे सुलग रहा है। एक और जहां मनपौर के विकास झा उक्त तालाब की जमीन की रजिस्ट्री कराने और इसके मालिकाना हक होने के प्रमाण पेश कर रहे है तो वहीं, मछुआ सोसायटी के राजेश यादव तालाब को सैरात बता इस पर अपना अधिकार जता रहे है।
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बताया जा रहा है कि उक्त तालाब का परवाना जिला मत्स्य विभाग के द्वारा राजेश यादव को दिया गया है। जबकि, उक्त परवाना के खिलाफ विकास झा पटना उच्च न्यायालय जाने की बात कहते हुए बताते है कि हाई कोर्ट के द्वारा स्टे लगा दिया गया है। जिसके बाद वे तालाब का काम करेंगे, लेकिन, राजेश यादव प्रशासन को गुमराह कर अपने पक्ष में कर उनको अपने अधिकार से वंचित रखना चाहते है।
जब भी वे तालाब का भिंडा पर मिट्टीकरण करते है, तब प्रशासन बिना किसी आदेश के उन्हें रोकने के लिए आ जाता है। जबकि, वो कोर्ट का स्टे पेपर सभी प्रशासनिक अधिकारी को उपलब्ध करा चुके है, लेकिन, कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। श्री झा कहते है कि राजेश यादव उस तालाब में जबरन शिकारमाही कर लाखों का मछली मार लिया।
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वो अपने सहयोगी के साथ तालाब पर आकर धमकी देता है। इसकी लिखित शिकायत पुलिस को दिया, तो अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। विकास झा बताते है कि वो इस तालाब को 2013 में ही रजिस्ट्री कराये है। जिसमें 47 कट्ठा 07 धुर है। विकास झा कहते है कि राजेश यादव के कारण उनका मानसिक और आर्थिक क्षति हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन से न्यायालय के आदेश का पालन कराने की गुहार लगाई है।
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