मधुबनी। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने  वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले में हो रही वर्षापात की स्थिति,  नदियों का जल स्तर,तटबंधों की निगरानी,रेनकट, भूजलस्तर ,चापाकलों की स्थिति, सिंचाई के साधनों,  संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि  का विस्तृत समीक्षा किया।  जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 100 प्रतिशत बिचड़ा आच्छादन हो चुका है,वही अभी तक 71.94 प्रतिशत  धान की रोपनी हुई है। 

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उन्होंने बताया कि अगस्त माह में अभी तक 85.9 mm वर्षापात हुई है,जो अभी तक सामान्य से 0.7 प्रतिशत अधिक है।जिलाधिकारी ने  निर्देश दिया कि सभी संबधित पदाधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखे।  उन्होंने सिंचाई विभाग के उपस्थित अभियंताओं को निर्देश दिया की जिन-जिन क्षेत्रों में नहर की व्यवस्था है,वहाँ नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुचाये,उन्होंने नलकूप विभाग को भी निर्देश  दिया कि सभी बंद पड़े नलकूप को अविलंब चालू करवाये। 

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उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को भी निर्देश दिया कि आकस्मिक फसल योजना की पूरी तैयारी कर ले,ताकि अगर बाढ़ या सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है तो  इसका लाभ लिया जा सके। समीक्षा के क्रम यह पाया गया कि वर्तमान में दो महत्त्वपूर्ण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा ऊपर है,वर्तमान में प्रवृति घटने की है। उन्होंने निर्देश दिया की वर्तमान में हो रही वर्षापात को देखते हुए नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाये रखे एवं तटबन्धों की 24 घंटे निगरानी भी करते रहे,साथ ही नाईट पेट्रोलिंग लगातार करे।उन्होंने कहा कि मौसम पुर्वानुमान के अनुसार 15 अगस्त तक जिले के अनेक स्थानों में अच्छी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है । 

जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को  सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए कहा कि मानसून की वर्षा कभी भी जिले को प्रभावित कर सकती है, एवं कभी भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है,इसलिये सभी संबधित पदाधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में ही रहे। उन्होंने एसडीओ एवं सीओ को तटबंधों, शरणस्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि संबधित अभियंता एवं एसडीओ प्रतिदिन तटबंधों का निरीक्षण कर रेनकट आदि से क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मति करवाये साथ प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट भी भेजे।

जिले के सभी चिन्हित शरण स्थलों  में स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति सहित सभी मूलभूत सुविधाएं  उपलब्ध रहे ,इसे सुनिश्चित कर ले।    उन्होंने सिविल सर्जन से चिकित्सा संबंधी सभी तैयारियों की जानकारी ली और कहा कि सर्पदंश सहित सभी आवश्यक  दवाइयों की कमी न होने पाए।जिलाधिकारी ने पहचान किये गए संकटग्रस्त समूहों को बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर त्वरित सहायता हेतु भी कार्ययोजना बनाने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को लंपी रोग से निपटने हेतु पूरी सजगता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने लगातार कैम्प लगाकर पशुपालकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। 

बैठक में  डीडीसी विशाल राज,अपर समाहर्ता नरेश झा, ,डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार,सिविल सर्जन, जिला पशुपालन पदाधिकारी,सभी संबधित कार्यपालक अभियंता  सहित जिले के सभी वरीय पदाधिकारी वीसी कक्ष से और सभी अनुमंडल पदाधिकारी, एवं अंचल अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।


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