बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी नगर के उच्चैठ स्थित केवीएस कॉलेज परिसर में पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय उच्चैठ-कालिदास राजकीय महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को प्रथम सत्र में कालिदास की जीवनी व उनकी रचना पर सेमिनार एवं दूसरे सत्र में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के पूर्व कुलपति डॉ. देवनारायण झा, विधायक विनोद नारायण झा, एसडीओ अशोक कुमार मंडल, डीएसपी अरुण कुमार सिंह आदि ने संयुक्त रूप से किया। 

इस दौरान पूर्व कुलपति डॉ. देवनारायण झा ने कहा कि कालिदास मिथिला के ही हैं। इसको प्रमाणित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनकी रचनाओं में इस बात का उल्लेख मिलता है कि कालिदास मिथिला के ही थे। पार्वती तपस्या वर्णन में यह स्पष्ट उल्लेखित है कि पार्वती-शिव को हाथ में रखकर पूजा करते थे। पति के रूप में प्राप्ति के लिये पार्थिव के रूप में उनकी पूजा मिथिला में ही होती है। मिथिला के उच्चैठ में उनके नाम से खतियान है। उनकी रचनाओं की विविधता से स्पष्ट होता है कि कालिदास मिथिला के ही थे और इसमें कोई संदेह नहीं है। वहीं विधायक विनोद नारायण झा ने कहा कि हमलोगों की इस बात को स्थापित करने की जिम्मेवारी है कि कालिदास मिथिला के ही थे। उज्जैन, भोपाल, बंगाल, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर आदि जगहों पर दावा किया जाने लगा है कि कालिदास वहां के थे जो गलत है। हमलोगों को इस पर गंभीर आपत्ति दर्ज करने की जरूरत है। मिथिला विद्वानों का गढ़ है। साहित्य, श्रृंगार, करुणा के स्तर से कालिदास जैसे दूसरे विद्वान नहीं हैं. कालिदास यहीं के थे इस बारे में विद्वानों को और देश को जो भी शंका हो लेकिन, मिथिला के लोगों को इसमें कोई शंका नहीं है। बेनीपट्टी की कनेक्टिविटी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने जा रही है और पर्यटन के क्षेत्र में बेनीपट्टी आने वाले समय में दुनिया के मानचित्र पर रहेगा। कार्यक्रम में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त दीप नारायण विद्यार्थी ने महाकवि कालिदास और कुमार दास के साथ महापथ गमन, एलएनएमयू दरभंगा के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. जयशंकर झा ने विश्वागमय में महाकवि कालिदास का स्थान, संस्कृत विभाग सीएम कालेज दरभंगा के सहायक प्राध्यापक सह विभागाध्यक्ष संजीत कुमार झा ने कालिदासस्य काव्य सौन्दर्यम, साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार प्राप्त ऋषि वशिष्ठ ने रीति-रिवाज व पर्व-त्यौहार चर्च में महाकवि कालिदास, मैथिली प्राध्यापक रमेश झा महिला कालेज सहरसा व साहित्यकार डॉ. कृष्णमोहन ठाकुर ने कालिदास की कृति में सामाजिक चेतना, शास्त्रचूड़ामणि विद्वान शोध संस्थान दरभंगा डॉ. मित्र नाथ झा ने महाकवि कालिदास विरचित मेघदूत के वैशिष्ट्य, साहित्यकार महावीर मंदिर पटना पंडित भवनाथ झा ने महाकवि कालिदास कृत मेघदूत का मैथिली काव्य विवेचन, वरिष्ठ साहित्यकार व पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डॉ. रंगनाथ दिवाकर ने कालिदास और मैथिलीत्व, साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त डॉ. महेंद्र नारायण राम ने महाकवि कालिदास के मैथिलीत्व निर्धारण किए महाकवि के महाप्रयाण, एलएनएमयू दरभंगा के स्नातकोत्तर मैथिली के पूर्व विभागाध्यक्ष वीणा ठाकुर ने देववाणी के श्रृंगार कालिदास-उच्चैठ, विधायक विनोद नारायण झा ने उच्चैठ के मणिप्रभा महाकवि कालिदास व सेवानिवृत्त संस्कृत विभागाध्यक्ष संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के डॉ. विघ्नेश चंद्र झा ने कालिदास के ऋतु वर्णन पर विस्तार से चर्चा की। 

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सेमिनार का संचालन साहित्यकार दीप नारायण विद्यार्थी एवं ललित कुमार ठाकुर ने किया। विचार गोष्ठी के संचालक डॉ. कृष्णमोहन ठाकुर व संयोजक दीप नारायण विद्यार्थी थे। इस मौके पर  बीडीओ डॉ. रवि रंजन, सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता, मधवापुर के सीओ रामकुमार पासवान, केवीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शुभ कुमार साहू, उज्जवल कुमार झा सहित अन्य भी मौजूद थे। 

इस अवसर पर जीविका दीदियों के द्वारा सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती, महाकवि कालिदास, विद्यापति आदि की मिथिला पेंटिंग प्रदर्शित की गई। वहीं दूसरे सत्र में काव्य पाठ, हास्य व्यंग्य व मैथिली गीतों पर आधारित कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। काव्य पाठ व हास्य व्यंग्य के तीखे वाण ने दर्शकों को खूब हंसाया। काव्य पाठ व हास्य व्यंग्य कार्यक्रम में कलाकार उदय चंद्र झा विनोद, वंशीधर मिश्र, अर्जुन कविराज, गोपाल झा अभिषेक, प्रीतम कुमार निषाद, मैथिल प्रशांत, कमलेश प्रेमेंद्र, अवधेश झा, मनोज कामत, अंजली कुमारी व दीप नारायण विद्यार्थी सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।


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