बिस्फी(मधुबनी)। मिथिलांचल विभूतियों का समंदर है। एक से एक वीर पुरुष यहां पैदा हुए हैं। कवि कोकिल विद्यापति मिथिला मैथिली और मिथिलांचल की मूल संस्कृति को संरक्षित व प्रसारित करने में प्रयत्नशील  रहे हैं। वे हमारे संस्कृत के आदर्श पुरुष व राष्ट्र विभूति हैं। लोक भाषाओं के आदि रचनाकार में आज भी उनका नाम अमर है। ये बातें बिहार सरकार के मंत्री ललित  यादव ने बिस्फी प्रखंड मुख्यालय स्थित विद्यापति स्मारक भवन परिसर में विद्यापति स्मृति पर्व समारोह के उद्घाटन  के दौरान कही। उन्होंने कहा कि विद्यापति की भाषा में अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के प्रति जागरूक रहे, उनकी सरसता के कारण ही मां गंगा स्वयं  चलकर उनके पास आई, देवाधिदेव ने उनके समक्ष स्वयं उपस्थित होकर उनके सानिध्य में रहे। 

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उनके पावन स्थित में आज हम सब यहां उपस्थित हुए हैं, यहां का विकास जरूर होगा और राजकीय समारोह भी होगा।  विद्यापति स्मृति पर्व समारोह की अध्यक्षता प्रमुख रीता कुमारी ने किया। विद्यापति समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि महाकवि हमारी संस्कृत के अलंकारों में प्रमुख हैं। 

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यही वजह है कि घर आंगन खेत खलियान से लेकर बड़े-बड़े मंचों पर उनकी रचनाएं आज भी जीवंत हैं। मंच का संचालन चंदेश्वर प्रसाद चंद्रेश ने किया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद डॉ फैयाज अहमद, जिला परिषद अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव  प्रखंड प्रमुख रीता कुमारी, राज कुमार यादव  ,समाजसेवी आरिफ जिलानी अम्बर, मदन यादव,सोनी कुमारी, जय जय राम यादव अजित नाथ यादव, शिवशंकर राय, राजू ठाकुर  विश्वनाथ यादव, कैलाश यादव, राकेश कुमार यादव, विजय यादव, उमेश यादव सहित कई लोग उपस्थित थे,


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