राज्य निर्वाचन आयोग ने लम्बे इंतजार के बाद बिहार के आसन्न नगर निकाय चुनाव को लेकर नगर परिषद, नगर निगम व नगर पंचायत के मुख्य पदों पर चुनाव लड़ने के लिए आरक्षण रोस्टर पर बनीं संशय को खत्म कर दिया है.
1
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले नगर पंचायत गठन होने के साथ ही सामाजिक व राजनितिक रूप से क्षेत्र में सक्रिय लोग उम्मीदवारी की संभावना लिए नगर पंचायत में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने में लगे हुए थे. वहीं अब राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्णय के बाद कई उम्मीदवारों को झटका लगा है. जबकि राज्य निर्वाचन आयोग के आरक्षण निर्धारण की सीमा में आने वाले कुछ इच्छुक उम्मीदवारों ने राहत की सांस भी ली है.
जानकारी के लिए बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने मधुबनी नगर निगम के मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद पद को देर शाम अनारक्षित घोषित किया था, वहीं उसके कुछ घंटों बाद अब बेनीपट्टी नगर पंचायत को लेकर बड़ा फैसला आया है. जिसके तहत बेनीपट्टी नगर पंचायत के नगर अध्यक्ष पद पर पिछड़ा वर्ग महिला, जबकि उपाध्यक्ष पद पर भी पिछड़ा वर्ग महिला चुनाव लड़ सकेंगी.
2
इधर बेनीपट्टी सीट की बात करें तो आरक्षण सूची जारी होने से पहले पिछले कई महीनों से नगर पंचायत क्षेत्र में दर्जनों उम्मीदवार सघन जनसंपर्क अभियान चला रहे थे, जिनमें बीरबल पंजियार, विजय कुमार झा, धर्मेन्द्र साह, संदीप झा मुरारी, भाग्य नारायण मिश्रा, अशोक झा, मुकुल झा, गुलाब साह, लाल बाबू राम सहित कई लोग उम्मीदवारी की इच्छा लिए क्षेत्र में बनें हुए थे.
इनमें से अधिकांश लोगों को कहीं ना कहीं राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से झटका लगा है. नवगठित नगर पंचायत बेनीपट्टी में नगर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर आरक्षण को लेकर यही कयास लगाये जा रहे थे कि दोनों पदों में कोई एक पद अनारक्षित रह सकता है, लेकिन संभावनाओं व कयासों को किनारे करते हुए चुनाव आयोग ने अपना निर्देश जारी कर दिया है।
इस परिस्थिति में अब देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क करने वाले, उम्मीदवारी की इच्छा रखने वाले लोग अपना रुख क्या रखते हैं.
Follow @BjBikash