मधुबनी। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में बैंकिंग की जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में संपन्न हुई। जिलाधिकारी द्वारा समीक्षा के क्रममे एनुअल क्रेडिट प्लान, सी डी रेशियो, ए सी पी के साथ साथ जिले में सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं में बैंकों के द्वारा किए जा रहे सहयोग की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के लोग परिश्रमी हैं और स्वरोजगार के माध्यम से आजीविका हासिल करने को लेकर प्रयत्नशील रहते हैं। ऐसे में बैंको के द्वारा उन्हें आर्थिक बल प्रदान करने से उनके जीवन प्रत्याशा में आमूल चूल बदलाव लाया जा सकता है। अतः बैंकों को उदारतापूर्वक उनके आवेदनों को स्वीकृत करते हुए उनको प्रोत्साहित करना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं को सफलीभुत करने में बैंकों की भूमिका अहम है। उन्होंने केसीसी, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, डेयरी, मत्स्य पालन, फार्म मैकेनिज्म, पीएमईजीपी, शिक्षा ऋण, मुद्रा योजना जैसी योजनाओं की समीक्षा के दौरान ये देखा गया है कि बैंको के द्वारा लाभुकों को ऋण प्रदान करने में अनिक्षा दिखाई जाती है। उन्होंने इस विषय पर कड़े शब्दों में कहा कि पब्लिक सेक्टर के बैंक यदि जन आकांक्षाओं पर खड़े नहीं उतरेंगे तो विवश होकर सरकारी राशियों को प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में शिफ्ट करना पड़ेगा।
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उन्होंने कहा कि अगली बैठक में पुनः आज के उठाए गए बिंदुओं की समीक्षा की जाएगी। यदि आवेदकों के आवेदन के विरुद्ध उन्हें कोई जायज आपत्ति हो तो संबंधित विभाग को पत्राचार कर इसकी सूचना दें। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बैंको के द्वारा लंबित मामलों की मासिक समीक्षा नहीं कि जाती है।
उन्होंने लोगों से अनावश्यक रूप से कागज की मांग किए जाने पर आपत्ति जताई और जिले के लोगों के आर्थिक विकास में बैंको के पूर्ण सहयोग की अपेक्षा की।
उक्त बैठक में माननीय सदस्य बिहार विधान सभा समीर कुमार महासेठ, नोडल पदाधिकारी बैंकिंग सह वरीय उप समाहर्ता, विकास कुमार, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक (एलडीएम), सुधीर कुमार प्रसाद सिंह सहित जिले के सभी बैंकों के वरीय प्रबंधक उपस्थित थे।
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