बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में बाढ़ से सुरक्षा के लिए बने जमींदारी बांध क्षतिग्रस्त है। जमींदारी बांध, रिंग व वाटरवेज बांध की स्थिति बेहतर नहीं होने के बावजूद अबतक विभाग इसके मरम्मती के लिए कोई पहल करते नहीं दिखाई दे रही है। जिसके कारण बेनीपट्टी के गंगुली, पाली, करहारा, मेघवन, बसैठ, शाहपुर, विशनपुर व बर्री के ग्रामीण संभावित बाढ़ को लेकर चिंतित है। गंगुली पंचायत का बांध इस कदर क्षतिग्रस्त हो चुका है कि, बांध अब मेड़ की शक्ल ले चुका है। पाली में कई जगहों पर जमींदारी बांध वर्षो से क्षतिग्रस्त है। जिसे हर बाढ़ के समय विभाग बालुयुक्त बोरा डालकर मरम्मती करता है। वही, बसैठ पंचायत के चानपुरा गांव के बाढ़ से सुरक्षा के लिए बनाए गए रिंग बांध क्षतिग्रस्त अवस्था में है। आगामी मानसून से पूर्व इसकी मरम्मती नहीं कराई गई तो इसका खामियाजा चानपुरा के साथ-साथ बसैठ, सुंदरपुर, चानपुरपट्टी आदि गांव के लोगों को उठाना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस बांध पर विभाग की कोई नजर नहीं है। गत 14 साल से बांध पर एक टोकरी मिट्टी तक नहीं दी गयी है। जबकि, इस चौदह वर्षों में बांध कई बाढ़ को झेल चुका है।
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बसैठ के पैक्स अध्यक्ष राघव चौधरी, समाजसेवी सह भाजपा युवा नेता भास्कर चौधरी ने बताया कि रिंग बांध के मरम्मती के लिए ग्रामीणों ने हर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को कहा है, लेकिन, कोई पहल करने को तैयार तक नही है। ऐसे में ग्रामीण हर बाढ़ में मुसीबत झेलते है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब पांच वर्ष पूर्व आये बाढ़ में तीन फाटक भी खराब हो गए। बांध कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गए। गौरतलब है कि चानपुरा का रिंग बांध का निर्माण वर्ष-1977 में योगगुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने कराई थी। उनके पहल पर तत्कालीन सरकार ने बाढ़ से सुरक्षा हेतु बांध का निर्माण कराया था। ताकि, बाढ़ के समय अधवारा समूह की नदियों का कोपभाजन न बनना पड़े।
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