बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी के ब्रह्मपुरा पंचायत के चतरा गांव स्थित संचालित आइडियल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति शिविर का हुआ आयोजन किया गया। जहां वक्ताओं ने स्कूली छात्र व अभिभावकों को संबोधित कर प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की। वक्ताओं ने कहा कि स्वस्थ रहना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी और अधिकार है। जब शरीर को स्वस्थ आदतों द्वारा पोषित किया जाता है तो यह प्राकृतिक स्वास्थ्य को लम्बे समय तक बनाए रखता है । डिब्बाबंद आहार ,रसायनयुक्त खेती एवं अप्राकृतिक दिनचर्या से लोग आज अधिक बीमार हो रहे हैं। प्राकृतिक खेती एवं प्राकृतिक चिकित्सा अपनाएं। बगैर रोग मुक्त भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है । गांव घर में स्थानीय संसाधन मिट्टी ,पानी ,धूप ,हवा एवं मौसमी फल सब्जियों के द्वारा जीवनशैली आधारित विभिन्न रोगों का इलाज नेचुरोपैथी के द्वारा किया जा सकता है। शिविर की अध्यक्षता भगवान चौधरी एवं संचालन डॉ. उमेश कुमार उषाकर ने किया। इस शिविर में 500 से अधिक छात्र-छात्राओं व अभिभावको ने भाग लेकर लाभान्वित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। आगत अतिथियों का स्वागत प्राकृतिक चिकित्सा साहित्य वितरण एवं कार्यक्रम के अंत में प्राकृतिक आहार के साथ किया गया । इस कार्यक्रम में आइडियल पब्लिक स्कूल के छात्रों को मिट्टी चिकित्सा से होने वाले लाभ का प्रायोगिक अनुभव भी कराया गया। कपालभाति शोधन क्रियाओं का भी जीवंत प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम से लाभान्वित हो रहे आम लोग व शिक्षक शिक्षिकाओं ने संस्थान एवं मंत्रालय के इस प्रयास के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बार-बार इस तरह के कार्यक्रमों को अब आयोजन करते रहने की घोषणा भी किया। कार्यक्रम के मौके पर आइडियल पब्लिक स्कूल के संचालक भगवान चौधरी, सुजीत चौधरी एवं मुकेश गिरी के द्वारा उपस्थित छात्र छात्राओं व अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा की योगयुक्त भारत से ही रोग मुक्त भारत का निर्माण करना संभव है। हम इसे अपना कर स्वयं स्वस्थ रहते हुए देश को रोग मुक्त करने में सहयोग देकर देश को विश्व गुरु के रुप में स्थापित कर सकते हैं। Follow @BjBikash
बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी के ब्रह्मपुरा पंचायत के चतरा गांव स्थित संचालित आइडियल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति शिविर का हुआ आयोजन किया गया। जहां वक्ताओं ने स्कूली छात्र व अभिभावकों को संबोधित कर प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की। वक्ताओं ने कहा कि स्वस्थ रहना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी और अधिकार है। जब शरीर को स्वस्थ आदतों द्वारा पोषित किया जाता है तो यह प्राकृतिक स्वास्थ्य को लम्बे समय तक बनाए रखता है । डिब्बाबंद आहार ,रसायनयुक्त खेती एवं अप्राकृतिक दिनचर्या से लोग आज अधिक बीमार हो रहे हैं। प्राकृतिक खेती एवं प्राकृतिक चिकित्सा अपनाएं। बगैर रोग मुक्त भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है । गांव घर में स्थानीय संसाधन मिट्टी ,पानी ,धूप ,हवा एवं मौसमी फल सब्जियों के द्वारा जीवनशैली आधारित विभिन्न रोगों का इलाज नेचुरोपैथी के द्वारा किया जा सकता है। शिविर की अध्यक्षता भगवान चौधरी एवं संचालन डॉ. उमेश कुमार उषाकर ने किया। इस शिविर में 500 से अधिक छात्र-छात्राओं व अभिभावको ने भाग लेकर लाभान्वित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। आगत अतिथियों का स्वागत प्राकृतिक चिकित्सा साहित्य वितरण एवं कार्यक्रम के अंत में प्राकृतिक आहार के साथ किया गया । इस कार्यक्रम में आइडियल पब्लिक स्कूल के छात्रों को मिट्टी चिकित्सा से होने वाले लाभ का प्रायोगिक अनुभव भी कराया गया। कपालभाति शोधन क्रियाओं का भी जीवंत प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम से लाभान्वित हो रहे आम लोग व शिक्षक शिक्षिकाओं ने संस्थान एवं मंत्रालय के इस प्रयास के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बार-बार इस तरह के कार्यक्रमों को अब आयोजन करते रहने की घोषणा भी किया। कार्यक्रम के मौके पर आइडियल पब्लिक स्कूल के संचालक भगवान चौधरी, सुजीत चौधरी एवं मुकेश गिरी के द्वारा उपस्थित छात्र छात्राओं व अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा की योगयुक्त भारत से ही रोग मुक्त भारत का निर्माण करना संभव है। हम इसे अपना कर स्वयं स्वस्थ रहते हुए देश को रोग मुक्त करने में सहयोग देकर देश को विश्व गुरु के रुप में स्थापित कर सकते हैं। Follow @BjBikash