मधुबनी। हरलाखी प्रखंड में खाद विक्रेताओं के विरुद्ध किसानों ने बिगुल फूंक दिया है. दरअसल शुक्रवार को फुलहर गाँव के किसानों ने लाइसेंसी दुकान से खाद लेकर जा रहे नेपाली तस्करों से खाद छीन ली. हालाँकि सभी तस्कर भागने में सफल हो गए. 


घटना के समय उपस्थित दर्जनों किसानों का आरोप है कि हमलोग खाद के लिए कई दिन से शैल ट्रेडर्स खाद विक्रेता से खाद लेने जाते है, लेकिन हमलोगों को बता दिया जाता है कि खाद नही आया है. वहीं नेपाल से आए लोगों को महंगे दामों में खाद बेचते है. हमलोगों ने शैल ट्रेडर्स से खाद लेकर जा रहे नेपाली तस्करों से खाद छीन ली. इधर खाद तस्करी की शिकायत पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी नौशाद अहमद के निर्देश पर कृषि समन्वयक विजय कुमार झा मौके पर पर पहुँचे. जहाँ स्थानीय किसान सलाहकार उमेश मंडल के सहयोग से पूरी मामले का बारीकी से जाँच की गयी. 


पूछताछ के क्रम में आक्रोशित किसानों ने स्थानीय लाइसेंसी दुकानदार के विरुद्ध कई शिकायतें की. किसान ब्रहमदेव यादव ने बताया कि 266 की यूरिया खाद को दुकानदार 400-500 की दर से और 1200 का डीएपी खाद 1800-2000 हजार तक के भाव मे कालाबाजारी की जाती है. किसानों ने कहा कि हमलोग खाद लेने जाते है तो साफ तौर पर कह दिया जाता है कि खाद नही है और कुछ चहेते किसानों को एक से दो बोरी खाद देकर पॉश मशीन पर फिंगर लेकर अधिक बोरी उठाव कर देते है. साथ ही उसे महँगे दामों में नेपाल से आए लोगों को बेंच दिया जाता है. स्थानीय किसानों ने कहा कि सुबह से लेकर देर शाम तक खाद तस्करी का गोरखधंधा चलता रहता है और स्थानीय पदाधिकारी कार्रवाई से परहेज करते है. करीब पंद्रह दिन पूर्व जाँच के लिए आए उप समाहर्ता से भी शिकायतें किया गया बावजूद कोई कार्रवाई नही हुई.


वही किसानों ने बताया की पदाधिकारी आते है, लेकिन कागजी खानापूर्ति कर चल जाते है. सुबह तस्करी की वही माजरा फिर देखने को मिलती है. अन्य दिनों कि तरह शुक्रवार को भी तस्कर खाद ले जा रहे थे. इसी दौरान किसानों ने नेपाली तस्कर से खाद छीन लिया और किसानों ने प्रखंड कृषि समन्वयक को मोबाइल के माध्यम से फोन कर शिकायत की. ग्रामीणों की माने तो कई बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई ठोस कारवाई नहीं होती है. किसानों का कहना खाद के लिए दुकान पर जाते है, तो धनबल का धमकी देकर भगा दिया जाता है. वहीं किसान महेश यादव ने बताया विनोद यादव शिक्षक है, व्यापारी भी है. स्थानीय किसान सह ग्रामीण राम नारायण यादव, दिनेश साह, जितेन्द्र साह, सत्य मुखिया, उपेंद्र महतो प्रिया राज सहित कई किसान ने बताया कि धान की फसल काटने के बाद अब अपने खेतों में रबी फसल गेहूं, आलू, मक्का, दलहन, तिलहन आदि की बुआई करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. गेंहूँ एवं आलू की खेती के लिए डीएपी के साथ जिंक फास्फेट यूरिया एवं मिक्सचर खाद की जरूरत होती हैं. लेकिन डीएपी, यूरिया और  खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं.


आलम ये है कि भारतीय खाद से नेपाल का फसल लहलहा रही है और भारतीय किसान भगवान भरोसे है. इस बावत कृषि समन्वयक सह जाँच पदाधिकारी विजय कुमार झा ने बताया कि जाँच अभी चल रही है. जाँच का रिपोर्ट जिले के वरीय पदाधिकारियों को भेजा जा रहा है. साथ ही किसानो से हस्ताक्षर भी करवाकर वरीय पदाधिकारी को भेजा गया है. गौरतलब है, कि एक तरफ जहाँ किसान खाद की किल्लत से परेशान है. वहीं दूसरी तरफ खाद की कालाबाजारी से दुकानदारों की चाँदी कट रही है. किसानो ने बताया अगर पदाधिकारी कार्रवाई नहीं करेंगे तो अनिश्चित काल के लिए धरना प्रदर्शन पर बैठ कर आंदोलन करेंगे. उधर, खाद विक्रेता ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है.


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