बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी में खाद संकट पर अधिकारियों की चुप्पी अब किसानों को खल रही है। बेनीपट्टी में खाद विक्रेताओं के द्वारा सरकार के द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत बसूली जा रही है। खाद में मनमाने कीमत बसूले जाने की खबर के बाद भी जिले से लेकर अनुमंडल व प्रखंड के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। जो चिंता के साथ-साथ चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान दर्जन भर से अधिक किसानों ने बताया कि बेनीपट्टी में डीएपी खाद के बोरा को 1800 रुपये में खुलेआम बेचा जा रहा है। पैसे देने के बाद भी विक्रेताओं की चिरौरी करनी पड़ती है। तब जाकर किसी तरह से खाद उपलब्ध हो पाता है। किसानों ने बताया कि खेत किसान की बात करने वाले नेता अब किसानों के हित के सवाल पर चुप है। आपको बता दे कि खाद के मनमाने कीमत को लेकर बिहार में सत्ताधारी जेडीयू के ब्लॉक अध्यक्ष शशिभूषण सिंह ने भी आपत्ति जताई है। उधर, सूत्रों की माने तो खाद के मनमाने कीमत की जानकारी सभी स्तर के अधिकारियों को है। लेकिन, मिलीभगत के कारण कोई कुछ नहीं बोल रहा है। जानकारी दे कि खाद के मनमाने कीमत के कारण इस सीजन में कई किसानों का खेत सूना ही रह जायेगा। किसान खेत की जुताई करा आर्थिक तंगी के कारण बैठे हुए है। Follow @BjBikash
बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी में खाद संकट पर अधिकारियों की चुप्पी अब किसानों को खल रही है। बेनीपट्टी में खाद विक्रेताओं के द्वारा सरकार के द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत बसूली जा रही है। खाद में मनमाने कीमत बसूले जाने की खबर के बाद भी जिले से लेकर अनुमंडल व प्रखंड के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। जो चिंता के साथ-साथ चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान दर्जन भर से अधिक किसानों ने बताया कि बेनीपट्टी में डीएपी खाद के बोरा को 1800 रुपये में खुलेआम बेचा जा रहा है। पैसे देने के बाद भी विक्रेताओं की चिरौरी करनी पड़ती है। तब जाकर किसी तरह से खाद उपलब्ध हो पाता है। किसानों ने बताया कि खेत किसान की बात करने वाले नेता अब किसानों के हित के सवाल पर चुप है। आपको बता दे कि खाद के मनमाने कीमत को लेकर बिहार में सत्ताधारी जेडीयू के ब्लॉक अध्यक्ष शशिभूषण सिंह ने भी आपत्ति जताई है। उधर, सूत्रों की माने तो खाद के मनमाने कीमत की जानकारी सभी स्तर के अधिकारियों को है। लेकिन, मिलीभगत के कारण कोई कुछ नहीं बोल रहा है। जानकारी दे कि खाद के मनमाने कीमत के कारण इस सीजन में कई किसानों का खेत सूना ही रह जायेगा। किसान खेत की जुताई करा आर्थिक तंगी के कारण बैठे हुए है। Follow @BjBikash