भारत सरकार की राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम में तकनीकी सहयोगी लेप्रा सोसाइटी ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को उत्तर भारत के लिए अपना एम्बेसडर बनाया है। जिसकी औपचारिक घोषणा रविवार को की गई। इस दौरान लेप्रा सोसाइटी के उद्देश्यों का जिक्र करते हुए मैथिली ठाकुर ने बताया की मुझे खुशी है कि मैं लेप्रा की मदद से समाज में कुष्ठ रोग से पीड़ित मरीज के लिए काम कर पाऊँगी और प्रचार-प्रसार के माध्यम से इसके सही इलाज और गलत अवधारणाओं को दूर करने में सहयोग करूंगी।
जानकारी के लिए बता दें कि लेप्रा एक गैर सरकारी संस्था है जिसकी स्थापना सन 1989 में हैदराबाद में हुई और यह भारत के दस राज्यों में स्वास्थ्य के क्षेत्रों में काम करती है। संस्था भारत सरकार की राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग करती है।
संस्था का मुख्य उद्देश्य, कुष्ठ रोग को प्राथमिक अवस्था में पहचान कर शीध्र पूर्ण उपचार और संक्रमण की रोकथाम, नियमित उपचार द्वारा विकलांगता से बचाव, उपचार कर रोगियों को समाज का उपयोगी सदस्य बनाना और स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा इस रोग के संबंध में फैली गलत अवधारणाओं को दूर करना है। लेप्रा सोसाइटी कुष्ठ रोग के अलावा हाथीपाव, टीबी, कालाजार, एचआईवी-एड्स, नेत्र रोग और इससे उत्त्पन्न होने वाली विकलांगता पर कार्य करती है।
वहीं इस दौरान लेप्रा की प्रबंधक चंदा झा जो कि बेनीपट्टी प्रखंड के कटैया गांव की बहु भी हैं, उन्होंने बताया कि दुनिया भर के कुष्ठरोगियों की संख्या में 60 फीसदी से ज्यादा मरीज भारत में हैं और इनमें हर साल जो नए केस निदान होते है उसमें 10 फीसदी बच्चे होते हैं। इसके लक्षण दिखने में 3-5 साल लग जाते हैं। मल्टीड्रग थेरेपी है इसका इलाज जो हमारे सेंटरों में मुफ़्त उपलब्ध है। समय पर इसका इलाज करने और नियमित दवा लेने से इसका इलाज सम्भव है। लेप्रा द्वारा कुष्ठ रोगियों का मुफ्त इलाज किया जाता है।
मैथिली जैसी प्रसिद्ध गायिका के साथ जुड़ने से समाज में जागरूकता फैलेगी और लोग ईलाज के लिए सामने आएंगे। हमें गर्व है कि हम हमेशा व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास के लिए काम करते हैं और अपनी सेवाएं घर-घर तक पहुँचाते हैं। कार्यक्रम में मैथिली के पिता रमेश ठाकुर, भाई रिसव, अयाची, लेप्रा बिहार के समन्वयक रजनीकांत और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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