बकरीद के मौके पर फिर से बकरों की कुर्बानी देने को लेकर सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हुई, कोई इसे धर्म के आधार पर सही, तो कोई अपने तर्क के आधार पर गलत बताया। हिंदू मुस्लिम के ऐसे त्यौहार जिसमें जानवरों की बलि प्रदान और कुर्बानी दी जाती है, उन पर त्यौहार के नजदीक आते ही विवाद और प्रतिक्रिया का दौर बढ़ने लगता है। इसके परे होली में पानी व रंग का इस्तेमाल हो या दिवाली में पटाखों के प्रदूषण का फैलाव, इन सारे बातों को केंद्र में रखकर लोग अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।
वहीं अब कल मुस्लिमों के बीते बकरीद त्यौहार पर बकरों की कुर्बानी पर भी भी सोशल मीडिया दो खेमों में बंटा नजर आया। इस विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मधुबनी से पूर्व सांसद शकील अहमद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। शकील अहमद ने मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड अंतर्गत उच्चैठ भगवती स्थान में दुर्गा पूजा के समय होने वाले बलि प्रदान पर सवाल खड़े किये हैं, और लिखा है कि बकरों की क़ुर्बानी पर जो संघी सिर्फ़ मुस्लिम समाज के ख़िलाफ़ घृणा फैलाते हैं वह अपने धर्म को भी ठीक से नहीं जानते हैं।
आगे उन्होंने ट्वीट में उच्चैठ भगवती स्थान की तस्वीरे पोस्ट कर लिखा है कि यह बिहार के मिथिला के उचैठ भगवती स्थान का मंदिर है। यहाँ दुर्गा पूजा की अष्टमी को हज़ारों बलि दी जाती है। शुरुआत चानपुरा गाँव के 108 बकरों की बलि से होती है।
बकरों की क़ुर्बानी पर जो संघी सिर्फ़ मुस्लिम समाज के ख़िलाफ़ घृणा फैलाते हैं वह अपने धर्म को भी ठीक से नहीं जानते हैं।
कांग्रेस नेता शकील अहमद के इस पोस्ट पर अब तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
यह बिहार के मिथिला के उचैठ भगवती स्थान का मंदिर है।यहाँ दुर्गा पूजा की अष्टमी को हज़ारों बलि दी जाती है।
शुरुआत चानपुरा गाँव के 108 बकरों की बलि से होती है। pic.twitter.com/ZATohgqZIJ