हरलाखी थाना क्षेत्र के विशौल गांव स्थित बैंक ऑफ इंडिया शाखा में बैंक कैशियर द्वारा खाताधारक के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. दरसअल बैंक के एक महिला ग्राहक के खाते से करीब करीब साढ़े सात लाख रुपये की अवैध निकासी करने का आरोप एक महिला ने लगाई है.
विशौल गांव के पीड़ित महिला फाजिला खातून ने बताया कि उसका पति विदेश में मजदूरी करता है. वह वहां से हर महीने पैसे भेजा करता था. इधर बैंक के कैशियर कभी केवाईसी तो कभी आधार लिंक के नाम पर विदड्रॉल पर अंगूठा निशान लेने घर पर आ जाता था. कभी कभी कैश निकालने के लिए भी विदड्रॉल पर निशान लेने के बाद कैश नहीं देता था और बहाना बना देता था कि लिंक फेल हो गया. घर चली जाओ घर पर आकर रुपया दे देंगे.
महिला अनपढ़ है उसे इस बात का अंदाजा बिल्कुल भी नहीं लगा कि उसके खाते से अवैध रूप से पैसे निकासी हो रहे हैं. धीरे धीरे महिला के खाते से करीब साढ़े 7 लाख रुपये निकाल लिए गए. इसका खुलासा तब हुआ जब महिला के पति मो. सिराजुल विदेश से घर आए और घर बनाने के लिए बैंक से रुपये निकालने गए तो उसके खाते में पैसे ही नहीं थे. ट्रांसजक्शन स्टेटमेंट निकलवाने के बाद उसे पता चला कि उसके खाते से कई किस्तों में लाखों रुपये निकाले जा चुकें हैं. फिर उनका तो होश ही उड़ गया. जब अपने पत्नी से पूछा तो पूरी मामला समझ मे आया.
महिला ने इस मामले को लेकर बैंक के वरीय अधिकारी को लिखित शिकायत भेजकर कार्रवाई की भी मांग की है. वहीं आरबीआई अधिकारियों को पत्र भेजकर बैंक खाते से गायब बड़ी रकम के नहीं मिलने पर दुःख में आत्मदाह करने की भी चेतावनी दी है.जिसकी सारी जिम्मेवारी बैंक कैशियर की होगी. इतना ही नही महिला समेत उनको मदद करने वालो को कुछ असामाजिक तत्वों से धमकी भी दिलाया जा रहा है. और उल्टे फर्जी मुकदमा में फ़साने का बात कही जा रहा है.जिससे महिला सदमे है.
हालांकि इस संबंध में सफाई देते हुए बैंक के प्रबंधक मनोज प्रसाद साह ने बताया कि महिला का आरोप बेबुनियाद है. वैसे विभागीय जांच भी चल रही है. जांच में इसका खुलासा हो जाएगा कि महिला के खाते से अवैध निकासी नहीं किये गए है. बहरहाल देखना है कि वरीय अधिकारियों के द्वारा पीड़िता को कब तक न्याय मिल पाता है.
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