बेनीपट्टी(मधुबनी)। मानसून पूर्व तटबंध के मजबूत करने के दावे बेनीपट्टी के बसैठ-चानपुरा के रिंग बांध पर खोखला साबित हो रहा है। मानसून के भारत में प्रवेश के बाद भी बांध की मरम्मती नहीं कराई जा सकी है। जबकि, अब कुछ ही दिनों में मानसून बिहार में भी प्रवेश कर जाएगी। यास तूफान के कारण हुई बृह से मानसून पूर्व ही क्षेत्र के सभी नदियों में जलस्तर बना हुआ है। ऐसे में प्री मानसून बारिश हुई तो जलस्तर में वृद्धि हो जाएगी। ऐसे में मानसून तक बाढ़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बसैठ के चानपुरा का डूबना फिर से तय माना जा रहा है।
बता दे कि उक्त रिंग बांध का निर्माण स्व.धीरेंद्र ब्रह्मचारी के अथक प्रयास से करीब चार किमी की दूरी में कराया गया था। करीब पंद्रह-सोलह वर्ष से विभाग रिंग बांध से ऐसे मुंह फेर लिया, की इन वर्षों में बांध पर एक टोकरी मिट्टी भी नहीं डाली गई।
इन वर्षों में बांध पर माल-मवेशी व अवैध वाहन के परिचालन से बांध पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी है। बांध के निचले भागों में कई जगह चुंहे का बिल बना हुआ है तो कई जगहों पर दरार हो गया है। जिसकी जल्द मरम्मती नहीं हुई तो आगामी बाढ़ में बांध का टूटना तय है।
बता दे कि वर्ष-2019 में स्कूल के पीछे रिंग बांध के अचानक टूट जाने से बसैठ, सुंदरपुर आदि कई गांव को रात में जलमग्न कर दिया था। स्थिति अचानक अनियंत्रित हो गयी। जहां से अधिकारी भी निकलना ही मुनासिब समझे थे।
उधर, रिंग बांध के जलबहाव के लिए निर्मित फाटक भी पूर्ण रूप से जर्जर हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि फाटक अब कोई काम का नहीं रह गया है। अधिकतर फंस जाता है, जिससे जलबहाव अवरुद्ध हो जाता है। ऐसे में गांव के ऊंचे स्थलों पर भी पानी जमने लगता है।
प्रखण्ड के उप प्रमुख अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल पूरी तरह से लापरवाही कर रही है। उन्होंने बताया कि हर बाढ़ में बसैठ चानपुरा के लोगों को दंश झेलना पड़ता है, लेकिन विभाग कोई पहल नहीं करती है। जबकि सरकार तटबंध के मरम्मत की दावे कर रही है।
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