पिछले दो दिनों से देश के दो अग्रणी मीडिया संस्थान आज तक के बिहार तक यूट्यूब चैनल व ABP न्यूज़ के वेबसाइट पर यह खबर देखने के लिए मिली कि बिहार पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जो कि अब तक यह झूठी ख़बर है। इस झूठी खबर के बाद मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे 'पंचायत के लड़ाके' परेशान हैं, खासकर जिनका दो से अधिक संतान है।
दो से अधिक बच्चों के माता-पिता परेशान
दरअसल कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की सूचनाएं (अफवाह) फैल गई है कि जिनका दो से ज्यादा बच्चा है वो पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। कन्फर्मेशन के लिए लोग चुनाव आयोग को फोन घुमा दे रहे हैं। कई लोग ब्लॉक जाकर बीडीओ से मिल रहे हैं। 'दो बच्चों वाला' अफवाह सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में फैला है। अब जिसकी जितनी पहुंच, उतनी कन्फर्मेशन। छोटे साहब के कहने से दिल नहीं भरा तो बड़े साहब को फोन घुमा दिया। सैकडों लोगों के फोन और पूछताछ से नीचे से लेकर ऊपर तक के मुलाजिम परेशान है।
पंचायत चुनाव में 'टू चाइल्ड पॉलिसी नहीं'
पंचायती राज कानून 2006 में कहीं भी बच्चा शब्द का जिक्र तक नहीं है। फिर भी अफवाह फैल गई है कि दो से अधिक संतान वाले चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस चुनाव में अब तक 'टू चाइल्ड पॉलिसी' लागू नहीं की गई है। यानी दो से अधिक बच्चों वाला व्यक्ति भी मुखिया, सरपंच का चुनाव लड़ सकता है।
बिहार पंचायत चुनाव 2021 में टू चाइल्ड पॉलिसी लागू होगा या नहीं, इस सवाल के जवाब में पंचायती राज विभाग के अपर सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम में फिलहाल बदलाव करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव नहीं आने की वजह से मौजूदा अधिनियम के तहत ही चुनाव कराया जाएगा। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को भी भ्रम में ना आने की सलाह दी है।
दो से ज्यादा संतान वाले भी लड़ सकते चुनाव
सरकार ने बता दिया है कि 2 से ज्यादा बच्चों के माता-पिता भी चुनाव लड़ सकते हैं। अफवाह पर ध्यान मत दीजिए, आपनी चुनावी तैयारी पर पूरा जोर लगाइए। पंचायती राज नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और ना ही सरकार इसमें कोई संशोधन करने जा रही है। वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य पद के भावी उम्मीदवार अपनी तैयारी में जुट जाएं।
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