बेनीपट्टी(मधुबनी)। विगत तीन वर्षों से बेनीपट्टी अनुमंडल क्षेत्र में मिथिलाक्षर को विद्यालय से लेकर कार्यालय तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले ललित कुमार ठाकुर के द्वारा बिहार विधानसभा में मिथिलाक्षर के संरक्षण और संवर्धन विषय पर दरभंगा के विधायक संजय सरावगी के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के लिए स्थानीय विधायक विनोद नारायण झा, खजौली के विधायक अरुण शंकर प्रसाद, बिस्फी के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल, विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा, मिश्री लाल यादव को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि फरवरी, 2019 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव संगीता टोपो द्वारा एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें उल्लेखित किया गया था कि मिथिलाक्षर 950 ई० से चली आ रही एक पुरातन लिपि है। इसी लिपि से कालांतर में बांग्ला, उड़िया और असमिया का प्रादुर्भाव हुआ है । बाबा विद्यापति अपनी सभी रचनायें मिथिलाक्षर मे ही किये। ऐसे में इस लिपि का संवर्धन और संरक्षण होना अनिवार्य है साथ ही प्रारंभिक शिक्षा में इसका उपयोग होना आवश्यक है । उन्होंने मिथिला के सभी माननीय विधायक, माननीय सांसद से अनुरोध क्या है कि मिथिलाक्षर की पुरानी गरिमा वापस लौटाने और इसे घर घर स्थापित करने के लिए अपने स्तर से प्रयास किया जाय। इसकी शुरुआत तभी होगी जब इसे प्रारंभिक शिक्षा मे शामिल किया जायेगा। विदित हो कि ललित कुमार ठाकुर को मिथिलाक्षर के प्रचार प्रसार हेतु कई संस्था के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।