बेनीपट्टी(मधुबनी)। बिहार विधान परिषद् के पूर्व सभापति पंडित ताराकांत झा का सपना अब तक अधूरा है। पूर्व सभापति के अथक प्रयास से शिवनगर में बिहार सरकार के द्वारा लाखों के लागत से आईटीआई भवन का निर्माण कराया गया, जहां गत नौ वर्ष पूर्व बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मधुबनी यात्रा के दौरान आईटीआई केन्द्र का उद्घाटन किया था। विडंबना है कि उद्घाटन के नौ वर्ष गुजर जाने के बाद भी आईटीआई निजी मकान के सहारे संचालित है। दरअसल, आईटीआई के मुख्य गेट तक आवाजाही के लिए पहुंच पथ नहीं है। आईटीआई के प्रस्तावित जमीन शिवनगर के अन्य लोगों का है। जो अपने जमीन पर रास्ता का निर्माण नहीं होने देना चाह रहे है। ऐसे में रास्ता के समस्या के कारण आईटीआई की वर्ग संचालन का सपना अब तक अधूरा पड़ा है। आईटीआई के रास्ता विवाद को हल करने के लिए अनुमंडल प्रशासन के द्वारा कई बार बैठक की गई, लेकिन, हर बैठक असफल ही साबित हुआ। जिसके कारण आईटीआई तक जाने के लिए रास्ता का निदान नहीं हो सका। हालांकि, गत दो माह पूर्व भवन निर्माण विभाग के एसडीओ के नेतृत्व में नए सड़क के लिए मैपिंग की गई। लेकिन, उक्त कार्य भी अब तक कोई रंग नहीं दिखा सका है। गौरतलब है कि वर्ष-2010-11 में छह करोड़ तैतीस लाख के लागत से शिवनगर में एसएच-52 पथ के किनारे पंडित ताराकांत झा के दान किए गये तीन एकड़ नौ कट्ठा जमीन पर राजकुमारी-ताराकांत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के पढ़ाई के लिए दो मंजिला भवन का निर्माण किया गया। उक्त भवन में वर्ग संचालन अब तक नहीं होने से भवन का रंग-रोगन भी बर्बाद हो रहा है तो वहीं अंदर परिसर में जंगली पौधे उग रहे है। लोगों की माने तो स्थानीय लोगों को ही पहल कर इस समस्या का निदान करना चाहिए।


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