बेनीपट्टी प्रखंड के गांव-पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर ग्रामीणों से ₹30 की वसूली मामले में नया मोड़ सामने आया है, जो कि हैरान करने वाला है। BNN की जांच पड़ताल में जो निकलकर सामने आया है उस आधार पर इस बात को बल मिल रहा है कि बेनीपट्टी अनुमंडल का पूरा महकमा बड़े स्तर पर साइबर क्राइम का शिकार हुआ है। जिसमें अधिकारियों व कर्मचारियों की गलती से अब तक आम जनता के लाखों रूपये कागज़ के टुकड़े देकर वसूले जा चुके हैं, और यह सिलसिला जारी है।



बता दें कि बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र के कई गांव व पंचायतों में दूसरे जिलों से आये व्यक्तियों द्वारा भारत स्वच्छ मिशन का कार्ड देकर सभी घरों से ₹30 रूपये की वसूली की जा रही है, ग्रामीणों के द्वारा पूछताछ किये जाने पर वसूली करने वाले व्यक्ति एक पत्र दिखाता है जो कि आयुक्त कार्यालय दरभंगा प्रमंडल के पत्रांक - 166, दिनांक 09.01.2021 के आलोक में बेनीपट्टी अनुमंडल अनुमंडल कार्यालय से बेनीपट्टी प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम दिनांक 21.01.2021 को पत्रांक संख्या - 17 के साथ निर्गत है।


जिसे बीडीओ मनोज कुमार द्वारा प्रखंड के सभी मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, व सभी पंचायत सचिव के नाम जारी किया गया है और सभी को इस कार्य में सहयोग करने की बात कही गई है। जो कि प्रथम दृष्टया देखने और पत्र में अंकित बातों को पढ़ने पर यकीन करने के योग्य है। यही वजह है कि कागज़ के एक रसीद के बदले गांव के लोग वसूली करने वाले को आराम से ₹30 दे रहे हैं, कुछ जगहों पर ₹100 रूपये भी लिए जाने की खबर है।



लेकिन अब बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय से पत्र के निर्गत होने के 28 दिन बाद, यानी वसूली की प्रकिया के शुरू होने के 28 दिन बाद इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आयुक्त कार्यालय दरभंगा प्रमंडल के नाम से निर्गत जिस पत्रांक - 166, दिनांक 09.01.2021 के पत्र को आधार मानकर बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय ने बेनीपट्टी बीडीओ को पत्र को प्रभाव में लाने के लिए अग्रेसित कर दिया, वह फर्जी है। आयुक्त कार्यालय दरभंगा प्रमंडल से दिनांक 09.01.2021 को पत्रांक - 166 के साथ ₹30 की वसूली करने जैसा कोई पत्र आज तक जारी ही नहीं हुआ है।


कमिश्नर के सचिव दुर्गानंद झा ने क्या कहा ?

इस बात की पुष्टि दरभंगा प्रमंडल के कमिश्नर के सचिव दुर्गानंद झा ने स्वयं BNN न्यूज़ बेनीपट्टी से हुई बातचीत में की है। श्री झा ने बताया है कि उनके जानकारी में ऐसा कोई पत्र जारी नहीं है। जिस पत्रांक दिनांक के आलोक में लोगों से वसूली की जा रही है वह पत्र गलत है और मेरे हस्ताक्षर से निर्गत भी नहीं है। अनुमंडल पदाधिकारी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। 

(दरभंगा प्रमंडल के कमिश्नर के सचिव दुर्गानंद झा जी के साथ हुई हमारी बातचीत का ऑडियो नीचे यूट्यूब वीडियो में आप सुन सकते हैं)


अधिकारीयों की लापरवाही का नतीजा

BNN न्यूज़ को जो जानकारी मिली है उस अनुसार अब तक दर्जनों लोग बीते 28 दिनों में बेनीपट्टी प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार को इस वसूली के बारे में जानकारी दे चुके हैं, लेकिन बीडीओ ने कई बार फोन काटा तो कईयों को यह जवाब दिया कि बाद में फोन करें। जिसमें BNN न्यूज़ भी शामिल है, हमनें मामला संदेहास्पद देख सारे तथ्य जुटाकार सारे मामलों की जानकारी दो-दो बार फोन करके बेनीपट्टी बीडीओ मनोज कुमार को दी, लेकिन उन्होंने इसको गंभीरता से संज्ञान लेने के बजाय बाद में फोन करने व व्यस्त होने की बात कही।

(बेनीपट्टी प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार के साथ हुई हमारी बातचीत का ऑडियो नीचे यूट्यूब वीडियो में आप सुन सकते हैं)


अनुमंडल कार्यालय में आया था ऑनलाइन मेल

BNN न्यूज़ को मिली जानकारी  हाथ लगी है उस अनुसार अनुमंडल कार्यालय को जो पत्र आयुक्त कार्यालय दरभंगा प्रमंडल के नाम से पत्रांक - 166 दिनांक 09.01.2020 के साथ मिला है, वह ऑनलाइन मेल पर मिला है। शंका इस बात की है कि मेल की जांच किये बगैर बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय ने लेटर बनाकर इसे प्रखंड कार्यालय को अमल में लाने के लिए अग्रसारित कर दिया।

बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय से लेटर दिनांक 21.01.2021, पत्रांक - 17 के साथ 22.01.2021  को बेनीपट्टी प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास पहुंचा, जिसे प्रखंड कार्यालय ने त्वरित प्रभाव में लाया और 22.01.2021 की तारीख में बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय से यह पत्र प्रखंड के सभी मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, व सभी पंचायत सचिव के नाम जारी हो गया। उक्त पत्र की प्रतिलिपि प्रखंड प्रमुख, उप-प्रमुख, बेनीपट्टी थाना, अड़ेर थाना को भी भेजी गई। अब बेनीपट्टी बीडीओ कार्यालय से इस पत्र के जारी हुए 28 दिन बीत चुके हैं। यानी 28 दिनों से वसूली का काम जारी है। 


देवपुरा का मामला

देवपुरा गांव के नीरज शेखर ने बताया कि पिछले दिनों उनके गांव में भी स्वच्छ भारत मिशन का कार्ड देकर ₹30 की वसूली की जा रही थी। जो व्यक्ति पैसे की वसूली कर रहा था, वह संदिग्ध प्रतीत हुआ। जिसके बाद नीरज उसे पकड़कर बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय सत्यता की जांच करने पहुंचे। प्रखंड कार्यालय में वसूली करने वाला व्यक्ति सिर्फ बड़ा बाबू को जान रहा था, साथ ही वसूली करने वाले उस व्यक्ति को बड़ा बाबू के अलावे ब्लॉक का कोई अन्य कर्मी भी नहीं पहचान रहा था।

ब्लॉक के बड़ा बाबू ने नीरज के जिज्ञासा पर अनुमंडल कार्यालय से 21.01.2021 को पत्रांक संख्या - 17 के साथ बेनीपट्टी प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम जारी पत्र को अपने फाइल से निकालकर दिखाया, यह देखर नीरज यहां से संतुष्ट होकर गांव लौट गये।


क्या कहते हैं बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय के बड़ा बाबू कैलाश

बड़ा बाबू कैलाश जी इस मसले पर कहते हैं कि एसडीओ व बीडीओ साहब से निर्गत पत्र के आधार पर हमनें यह इसे प्रभाव में लाया है।

जब हमनें दरभंगा प्रमंडल के कमिश्नर के सचिव दुर्गानंद झा के बयान के आधार पर बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय के बड़ा बाबू कैलाश जी से कहा कि यह लेटर फर्जी है, तो इसके जवाब में बड़ा बाबू का कहना था कि - यह बीडीओ व एसडीओ साहब जानें। आगे उन्होंने कहा कि मेर पास ऑफिस में चिट्ठी है और नंबर प्लेट लगाने वाले के पास भी चिट्ठी है। अभी हम पार्टी फंक्शन में हैं.. ज्यादा जानकारी के लिए बीडीओ साहब से बात कीजिए या कल ब्लॉक आइये। और उन्होंने फोन काट दिया...

(बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय के बड़ा बाबू कैलाश जी के साथ हुई हमारी बातचीत का ऑडियो नीचे यूट्यूब वीडियो में आप सुन सकते हैं)


करही पंचायत का मामला

करही पंचायत के चन्दन सिंह बताते हैं कि हमारे पंचायत में भी ऐसी वसूली चल रही है। जब वसूली करने वाले व्यक्ति को पकड़कर गांव के लोगों ने हमारे पास लाया और हमनें सवाल किया तो उसनें बीडीओ साहब के द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के नाम जारी पत्र को दिखाया। जिसके बाद हमनें बेनीपट्टी बीडीओ मनोज कुमार को फोन किया, और सारी बातों की जानकारी दी। बीडीओ साहब ने फोन उठाकर सारी बातों को सुन लिया और फोन काट दिए, दोबारा कॉल करने पर रिसीव नहीं किये।


BNN में छपी खबर के बाद हरलाखी क्षेत्र के राजू कुमार ने लिखा है कि हमारे मनपौर पंचायत के मनपौर गांव में भी ऐसा हुआ है। वह हमारे गांव में काफी लोगों से वसूली कर चुका था, मुझे खबर मिली तो हम भी पहुंचे वहां और हमनें वसूली करने वाले से कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर आपको पैसा लेने का कोई अधिकार नहीं है। तो उस व्यक्ति ने मुझे एक लेटर दिखाया जो कि ब्लॉक ऑफिस से निर्गत था, जिसमें शंभू प्रसाद जायसवाल, ग्राम+पोस्ट - भभुआ के सहयोग में काम करने की बात उसनें बताया।

व्यक्ति ने यह भी बताया कि वह शंभू प्रसाद जायसवाल के सहयोगी हैं। हमनें कहा कि पैसे के बदले में जो रसीद तुम दे रहे हो वह मैं भी छपवा सकता हूं और फ्रॉड कर सकता हूं, यह सुनकर वह चुप हो गया। हमनें आगे कहा कि अपने हेड शंभू जायसवाल से बात करवाओ तो वसूली करने वाले ने कहा कि हम कल आपके गांव में आते हैं कल आपको बात करवा देंगे। लेकिन वह कल नहीं हुआ.. वह वापस गांव में नहीं आया।


पूरा अनुमंडल क्षेत्र में फैल चुका है 'वसूली गैंग'

एक फर्जी लेटर, कर्मियों की चूक और अधिकारियों की लापरवाही से पिछले 28 दिनों से न सिर्फ बेनीपट्टी प्रखंड बल्कि हरलाखी व बिस्फी में भी वसूली का खेल जारी है। अब तक बेनीपट्टी अनुमंडल क्षेत्र के पाली, लोरिका, गंगुली, देवपुरा, मनपौर, परकौली, करहारा, बेतौना, कपसिया, अंधरी, लदौत, जफरा, हरिने, बलवा, बैरवा, शाहपुर, बनटोलवा, सेम्हली, बरर्री, सिरवारा, बासुकी बिहारी, लालापट्टी गांव से वसूली होने की खबर सामने आ चुकी है।

जिन लोगों ने BNN न्यूज़ को अपने गांव में ₹30 की वसूली के बारे में बताया है, उन लोगों के कथनानुसार और वसूली के दौरान बनाए गये वीडियो को देखने के बाद यह प्रतीत होता है कि यह एक गिरोह समूह की तरह है और दर्जनों की संख्या में है। सभी सुबह-सुबह अलग गांव पंचायतों में निकलते हैं, सबके पास प्रखंड कार्यालय से निर्गत एक पत्र है, जिसमें वह शंभू प्रसाद जायसवाल, ग्राम+पोस्ट - भभुआ के सहयोगी के रूप में पत्र पर अपना नाम लिखकर खुद को शंभू प्रसाद जायसवाल का सहयोगी बताता है। सभी के पास उस नाम का आधार कार्ड है जो कि डुप्लीकेट और फोटो कॉपी रहता है।


28 दिनों में लाखों वसूली हो जाने का अनुमान

देवपुरा गांव में वसूली करने वाले युवक को जब ग्रामीण युवक नीरज शेखर ने पकड़ा और पूछताछ की तो वसूली करने वाले युवक ने बताया कि एक दिन में कम से कम 100 घरों में कार्ड देकर ₹3000 रूपये वसूलने का टास्क है। वसूली करने वाले युवक के बातों को आधार मानें तो पिछले 28 दिनों में एक व्यक्ति संभावित ₹3000 घरों से वसूली कर चूका होगा। यानी एक व्यक्ति ने 28 दिनों में ₹90,000 की वसूली की होगी। इस समूह में वसूली करने वालों की संख्या न्यूनतम 10 ही मानी जाय तो, इन दस लोगों की टीम 28 दिनों में बेनीपट्टी अनुमंडल क्षेत्र से अनुमानित ₹9,000,00 (9 लाख) से अधिक की वसूली कर चूका है।


जांच की हुई मांग

वहीं बेनीपट्टी प्रखंड प्रमुख सोनी देवी ने इस मामले में कहा है कि वसूली कर रहे लोग जिस पत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पत्र में प्रतिलिपि में हमारा भी नाम अंकित है। अगर इस तरह से साइबर क्राइम के जरिये लोगों से ठगी की जा रही है तो इसकी जांच होनी चाहिए। पदाधिकारियों को जल्द से जल्द इस पर सख्त एक्शन लेना चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, अगर प्रशासन को गुमराह करने की कोशिस की गइ है तो इस तरह से वसूली करने वालों और इस समूह के सरगने को गिरफ्तार करना चाहिए।

इधर राजद नेता राजेश यादव ने भी मामले पर जांच करने की मांग की है, श्री यादव ने इस मामले को लेकर बताया कि शुक्रवार की सुबह इस वसूली से जुड़े एक व्यक्ति जो कि कथित तौर पर खुद को शंभू प्रसाद जायसवाल बता रहा था उसनें हमसे मुलाकात की थी, हमनें जब उसके द्वारा दिखाए पत्र व उस व्यक्ति की गतिविधि पर शंका जाहिर किया और प्रशासन को इत्लिलाह करने की बात कही तो वह कुछ ही देर में वहां से निकल गया। आगे उन्होंने कहा कि इस तरह की खबर आने के बाद लोग शंका में है, प्रशासन को इस विषय पर हर पहलु की जांच कर बातों को स्पष्ट करना चाहिए। क्योंकि यह मामला गंभीर है, इस पर जल्द रोक लगनी चाहिए।


शंभू प्रसाद जायसवाल कौन है ?

वसूली का सरकारी पत्र जिस शंभू प्रसाद जायसवाल, ग्राम+पोस्ट - भभुआ, जिला - कैमूर नाम के व्यक्ति को केंद्र मानकर जारी किया गया है, उसका मोबाइल नंबर आयुक्त कार्यालय दरभंगा प्रमंडल के नाम से निर्गत फर्जी पत्रांक - 166, दिनांक 09.01.2021 के पत्र में 62611 31489  अंकित है। लेकिन बार-बार फ़ोन करने के बाद भी इस नंबर पर फोन रिसीव नहीं हो रहा है। ट्रू कॉलर में यह नंबर बिहार के बाहर का बताया जा रहा है। 



साथ ही कथित तौर पर पत्र में अंकित इस नेक कार्य के लिए सरकार द्वारा अधिकृत शंभू प्रसाद जायसवाल ना तो फेसबुक पर ढूंढने से मिल रहे हैं ना ही गूगल के अर्काइव्स में मीडिया में इनकी समाजसेवा की कोई खबर, पेपर कटिंग दिखती है, ऐसे में मामला पूर्ण रूपेण जाँच का विषय बन चुका है

अब देखना दिलचस्प होगा कि इस खबर के सामने आने के बाद अनुमंडल प्रशासन एहतियातन क्या कदम उठाती है, कैसे इस वसूली को रोका जाता है, कैसे इस मामले की जांच होती है


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