बेनीपट्टी(मधुबनी)। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब गांव-पंचायत में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ रही है। संभावित उम्मीदवारी देने वाले ’नेताजी’ के चहलकदमी से गांव अभी से ही गुलजार बन रहा है। नेताजी सुबह कुहासे में ही जनता के नब्ज को टटोलने में जुट जाते है तो वही, इस दौरान अगर कोई समस्या या किसी गरीब का राशनकार्ड, प्रमाणपत्र जैसी कोई काम फंसा है तो ब्लॉक से लेकर अनुमंडल का दौड़ दिन में लगाते नजर आ रहे है। यूं कहें तो जनता के अच्छे दिन फिर से लौट रहे है। वहीं, आगामी पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाइस के लिए अभी तक दर्जनों युवा दूसरे प्रदेश से गांव लौट चुके है। उधर, आगामी चुनाव को एकतरफा बनाने के लिए वर्तमान पंचायत प्रतिनिधि भी क्षेत्र में खूब नजर आ रहे है। जो प्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद जिला मुख्यालय से लेकर अनुमंडल के इर्दगिर्द रहने लगे, वो नेताजी भी अब अपने पंचायत व गांव में दौड़धूप कर रहे है। बता दे कि खरमास के खत्म होते ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों पर दावेदारी देने वाले लोगों के कदमताल शुरू हो गए है। खासकर,गांव के चाय-नाश्ते की दुकान सुबह से ही संभावित के विकास के नए नए वायदों के साथ वर्तमान प्रतिनिधि के नाकामी के चर्चे अचानक बढ़ गए है, तो वही वर्तमान प्रतिनिधि चुनाव तक के लिए रोक कर रखे विकासात्मक योजनाओं को पूरा कर जनता को साधने में जुट गए है। गौरतलब है कि बिहार में इस वर्ष मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होने की संभावना है। चुनाव में फिलहाल दो-तीन महीने का समय होने के बावजूद, अभी से ही ठंडक मौसम में पंचायत की राजनीति गरमाने लगा है। सबसे अधिक जोर वार्ड सदस्य पद के लिए ही नजर आ रही है। खासकर, सात निश्चय योजना के बाद वार्ड सदस्यों के संभावित उम्मीदवारों की संख्या अभी से ही बढ़ रही है। गांव-देहात में अभी से ही संभावित प्रत्याशियों के बैनर से दिवार पट रही है।